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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Feel The Power Of The Universe In These Nine Days
4 दिन पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
जो शक्ति को समझ ले वो शक्तिमान है। विज्ञान ने शक्ति का उपयोग बाहर किया तो सुख-सुविधाएं प्राप्त कर लीं। ऋषि-मुनियों ने शक्ति का उपयोग भीतर किया, तो परमात्मा व शांति प्राप्त कर ली। अब हम आने वाले दिनों में उसी शक्ति की उपासना करेंगे। देवी भागवत में एक प्रसंग आता है।
विष्णु जी बाल मुकुंद रूप में एक पत्ते पर बैठे थे। प्रलय हो चुका था। संसार में कुछ भी नहीं था और उन्हें एक श्लोक सुनाई दिया- ‘सर्वं खल्विदमेवाहं नान्यदस्ति सनातनम्।’ इसका संक्षेप में अर्थ ही है कि सब कुछ मैं ही हूं। तब विष्णु जी ने कहा, ये कौन-सी शक्ति है, किसकी आवाज है। तो परम शक्ति ने कहा, ये मैं हूं और उन्होंने विभाजन किया।
सरस्वती रूप में शक्ति ब्रह्मा को सौंपी और कहा अब आप निर्माण करेंगे, लक्ष्मी रूप में विष्णु को सौंपी और कहा अब आप पालन करेंगे और दुर्गा रूप में शिव जी को सौंपकर कहा कि आप संहार करेंगे। शक्ति हमें समझाती है कि इन नौ दिनों में सीखो, यानी व्यापक करो। इन नौ दिनों में ब्रह्मांड में जो शक्ति है, जिसको कॉस्मिक एनर्जी कहते हैं, वो हमारे लिए सुलभ उपलब्ध है। भरपूर उपयोग करिए।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: इन नौ दिनों में ब्रह्मांड की शक्ति को महसूस करें