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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Regular Routine Is The Key To Success, Health And Happiness
पं. विजयशंकर मेहता
हम मनुष्यों के पास ऊर्जा के पांच स्रोत होते हैं। परमात्मा, मां, पिता, गुरु- ये चार सदैव कृपा बरसाते ही रहते हैं। हमारी योग्यता हो या ना हो, पर ये चारों वन-वे ट्रैफिक की तरह कृपावंत बने रहते हैं। इनकी बरसती कृपा का भी हम सदुपयोग ना कर पाएं, यह हमारा दुर्भाग्य है।
अब पांचवां स्रोत है- हमारी दिनचर्या। इन दिनों इसे लेकर अत्यधिक गंभीर होना ही पड़ेगा। हमारे पास जीविका के जो साधन आजकल उपलब्ध हैं, उन्होंने सबसे ज्यादा प्रहार हमारी दिनचर्या पर किया है। अब किसी एक को क्या दुश्मन मानें। सबसे पहला दुश्मन लोगों को मोबाइल ही दिखता है।
बेचारा मित्र बन कर आया और शत्रु होकर रह गया। अब इसमें डिजिटल माध्यम का उतना दोष नहीं है, जितना हमारे विवेक का है। अपनी दिनचर्या को प्रकृति की क्लॉक से जोड़िए। ज्यादातर लोगों का बॉडी क्लॉक, प्रकृति के समयचक्र से विपरीत हो गया है। इसलिए हमारी दिनचर्या सुविधा का नहीं, संकल्प का विषय होना चाहिए। नियमित दिनचर्या सफलता, स्वास्थ्य और सुख की कुंजी है।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: नियमित दिनचर्या सफलता, स्वास्थ्य, सुख की कुंजी है

