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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column There Are Only Two Cures For The Mind Silence And Meditation
पं. विजयशंकर मेहता
नाकामी की तलवार सब पर लटकती है। और इसके वार से बचने के लिए हमारे हाथ में भी तलवार और साथ में ढाल भी होनी चाहिए। हमारे हाथ की तलवार परिश्रम की हो और ढाल ईमानदारी की रहे। ऐसा करते समय आपको, आपके ही भीतर का मन कमजोर कर देगा। क्योंकि मन लगातार नकारात्मक पैंतरे चलता है।
अगर मन सक्रिय है तो हम भय और संदेह में गिरेंगे ही। तो जब भी कोई बड़ा काम करें, ‘माइंड साउंड’ को जरूर सुनें। इसका इलाज करिए। और मन के दो ही इलाज हैं- मौन और मेडिटेशन। आज हमारे देश में 50 प्रतिशत से अधिक लोग किसी ना किसी बीमारी का इलाज ले रहे हैं।
पैरासिटामॉल नाम की दवाई तो टॉफी की तरह खाई जा रही है। ऐसे समय, आप भी एक इलाज लीजिए और वो होगा मौन और मेडिटेशन का। क्योंकि नाकामी की तलवार लटकी रहे, यही ठीक है। कहीं उसने हम पर वार किया और हमारी तैयारी नहीं हुई तो फिर उदासी, अवसाद तो आना ही है।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: मन के केवल दो ही इलाज हैं- मौन और मेडिटेशन

