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- Column By Pandit Vijayshankar Mehta Keep Questioning Each Other To Save Your Family
पं. विजयशंकर मेहता
एक बड़े प्रकृतिप्रेमी-वैज्ञानिक ने मुझसे कहा, आप देखिएगा कुछ सालों बाद हमारा देश रहने लायक नहीं रह जाएगा। यह सुनकर मैं चौंक उठा। उन्होंने कहा प्रदूषण और बढ़ेगा, जिस हिसाब से हरियाली घट रही है। अब तो गांव में भी हरियाली के पते नहीं हैं।
निर्माणों के लिए बेतहाशा पेड़ काटे जा रहे हैं। उनका कहना था राजनेता पेड़ तभी बचाएंगे, जब ये साबित हो जाए कि जो पेड़ काटेगा वो हारेगा। हमारे देश में हर चीज चुनाव से जोड़ दी गई है। चूंकि मैं हमारे देश में परिवार बचें, इसको भी एक आंदोलन मानता हूं, तो मेरी रुचि परिवार बचाने में है।
मुझे लगता है जैसे प्रदूषण से पेड़-पौधे मर रहे हैं, ऐसे ही यंत्रों से रिश्ते खत्म होने लगेंगे। भारत के परिवारों में भाई-बहनों की संख्या वैसे ही कम हो रही है। लेकिन जितने भी भाई-बहन हों, अगर वह परिवार बचाना चाहें तो एक-दूसरे की पूछताछ, देखभाल और मेलजोल आपस में करते रहें। अपने परिवार में विचार करें कि रिवॉर्ड क्या मिला ये छोड़िए, आपका कॉन्ट्रिब्यूशन क्या है परिवार को बचाने में, ये सोचिए।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: परिवार बचाने के लिए एक दूसरे की पूछताछ करते रहें