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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Devotees Should Not Have Two Things Confusion And Fear
पं. विजयशंकर मेहता
अच्छे-अच्छे समझदार लोगों को भी भ्रम हो जाता है। अर्जुन जैसा व्यक्ति जब भ्रम में आया तो श्रीकृष्ण को उसे गीता सुनानी पड़ी। पार्वती जी ने शिव जी से प्रश्न पूछा कि काकभुशुंडि जी ने गरुड़ जी को क्या सुनाया तो शिव जी ने कहते हैं- सुनहु परम पुनीत इतिहासा, जो सुनि सकल लोक भ्रम नासा। अब वो पवित्र इतिहास सुनो, जिससे सारे लोक के भ्रम का नाश हो जाता है।
यहां लिखा है- ‘भ्रम नासा’। भक्त में दो बातें नहीं होनी चाहिए- भ्रम और भय। लेकिन जब हम दुनियादारी में उतरते हैं तो ऐसी स्थिति आना सामान्य है। ऐसे समय ईश्वर का नाम-जप और उनके प्रति भरोसा बनाए रखिए।
आज चूंकि प्रतिस्पर्धा का युग है तो रिजेक्शन का भय बना रहता है, उसे दूर करें। कम्युनिकेशन में उत्साह बनाएं। डिजेक्शन (उदासी) को दूर रखें। तब हम भक्त होंगे। इसलिए शिव जी कह रहे हैं कि ऐसी कथा है रामकथा, जो भ्रम को दूर करती है। जब भी अवसर आए रामकथा को अवश्य सुनिए।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: भक्तों को दो बातें नहीं होनी चाहिए- भ्रम और भय