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पं. विजयशंकर मेहता
यदि आपके पास नेतृत्व है तो जाहिर है कि अतिरिक्त योग्यता भी होगी। उसके बिना नेतृत्व मिलता नहीं है। तो यदि आप किसी टीम के लीडर हैं, किसी उच्च पद पर हैं, तो एक दान जरूर करिए। कई प्रकार के दान हैं- अन्नदान, गोदान, वस्त्रदान, विद्यादान। एक दान है समय का दान।
अपने मातहत काम करने वालों को थोड़ा-सा पर्सनल टाइम दीजिए। कभी-कभी एकांत में उनकी समस्याओं को सुनिए। बाहर से जितने सहज और सरल दिखने वाले लोग हैं, भीतर से बड़े बेचैन हैं। तो आप अपने अधीनस्थ लोगों को ऐसा समय दीजिए कि आपकी पूछताछ से उन्हें बेचैनी नहीं, आनंद मिले, सहारा मिले।
वो आपमें लीडर ही नहीं, संरक्षक भी देखें। इस समय टेक्नोलॉजी सबके जीवन में उतर आई है। उसने मनुष्य को भीतर से खोखला करना शुरू कर दिया है। चैटजीपीटी का उपयोग करने वाले सोचने की क्षमता खो रहे हैं। ये काम इंसान ही कर सकता है कि किसी के भीतर जाकर उसकी आत्मा, उसकी भावनाओं को स्पर्श करे और आंतरिक रूप से उसकी मदद करे।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: अपने मातहत काम करने वालों को थोड़ा समय दीजिए