[ad_1]
- Hindi News
- Opinion
- Column By Pandit Vijayshankar Mehta When You Wake Up, Do Some Yoga As Soon As You Wake Up
पं. विजयशंकर मेहता
शुभ काम को आज नहीं कल करेंगे, यह विचार ही आपको अधार्मिक बना देगा। धार्मिक व्यक्ति शुभ में विलम्ब नहीं करता और अशुभ को टालने में देर नहीं करता। हमारे जीवन में नित्य दो शुभ घड़ियां आती हैं, एक सोने के ठीक पहले और दूसरा उठने के तुरंत बाद। और हम दोनों समय लापरवाह हो जाते हैं।

यदि नींद की परेशानी आपके जीवन में मंडरा रही है तो इससे बड़ी सावधानी से निपटें। कोशिश करें सोने और उठने का समय नियत हो, यह बार-बार बदले ना। और जब आप उठें तो उठते ही योग की कोई न कोई त्वरित क्रिया करें। हो सके तो पलंग पर ही कर लें अथवा अपने शयन-कक्ष में किसी कुर्सी पर बैठकर करें।
वो योग की क्रिया क्या होगी, इसके चयन के लिए आप स्वतंत्र हैं। लेकिन जब सात-आठ घंटे की नींद के बाद पहली बार आपका मेरुदण्ड सीधा हुआ हो तो कोई न कोई योग की क्रिया करें। और जब रात को सोने जाएं तो नींद आने के ठीक पहले दस मिनट तक कोई काम न करें, एक अंधेरा हो बाहर भी और भीतर भी। एकांत-चिंतन के साथ सोएं।
[ad_2]
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: जब उठें तो उठते ही योग की कोई न कोई क्रिया करें