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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column If Religion And Morality Come Together Then Peace Enters
पं. विजयशंकर मेहता
दो तरह के लोगों के लिए राह मंजिल बन जाती है। या तो नसीबदार हों, या समझदार हों। इस समय समझदार वो व्यक्ति कहलाएगा, जो जीवन के संतुलन को समझ लेगा। यह विज्ञान और तकनीक का युग है, एआई प्रवेश कर चुका है तो एआई से झगड़ा तो नहीं करना है।
जैसे हनुमान जी ने लंका जाते समय मैनाक पर्वत को स्पर्श किया था, नकारा नहीं था और मैनाक पर्वत बिल्कुल आज की टेक्नोलॉजी है। तो हनुमान जी कहते हैं इसका उपयोग करो, पर मैनाक पर्वत को जो उन्होंने कहा, वो आप लोग भी टेक्नोलॉजी को भी बोलो- राम काजु कीन्हें बिनु, मोहि कहां बिश्राम।
हमारा लक्ष्य सफलता के साथ शांति भी होना चाहिए। एआई हमें लक्ष्य पर तो पहुंचा देगा, लेकिन हमारी शांति को पी जाएगा। नए पोप ने कहा है कि एआई दूसरी औद्योगिक क्रांति है। यह मानव सोच और श्रम पर प्रहार करेगा।
इसलिए उन्होंने धार्मिक संस्थाओं और खासतौर पर अपनी संस्था से कहा है कि एआई के प्रति नैतिक स्पष्टता और साहसिक निर्णय लेने की जरूरत है। धर्म और नैतिकता मिल जाएं तो शांति बहुत जल्दी प्रवेश कर जाती है।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: धर्म-नैतिकता मिल जाएं तो शांति प्रवेश करती है