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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column If Someone Wants To Harm Us, We Will Have To Show Our Strength
पं. विजयशंकर मेहता
पराक्रम सर्व-स्वीकार्य हो जाए तो प्रताप में बदल जाता है। प्रताप शत्रु को भयभीत और अपने लोगों को आश्वस्त करता है। शिव जी से पार्वती जी ने कहा था- तुम्हरी कृपा कृपायतन अब कृतकृत्य न मोह। जानेऊँ राम प्रताप प्रभु चिदानंद संदोह।। आपकी कृपा से मैं कृतकृत्य हो गई, अब मुझे मोह नहीं रह गया और मैं श्रीराम के प्रताप को जान गई।
रामकथा सुनने के बाद पार्वती जी ने श्रीराम पर जो टिप्पणी की, वो उनके प्रतापी स्वरूप को लेकर की। दरअसल, श्रीराम जो भी काम करते थे, निजहित और परहित के संतुलन के साथ करते थे। उन्होंने अंगद को भी दूत के रूप में भेजा तो कहा था- काजु हमार तासु हित होई।
अंगद इस तरह से रावण से बात करना कि हमारा भी काम हो जाए, उसका भी भला हो जाए। हम राम को मानने वाले भारतवासी हैं। हम भी यही चाहते हैं कि सबका भला हो। लेकिन हमारा नुकसान करके कोई अपना भला चाहे तो फिर हमें प्रताप दिखाना पड़ेगा। और राम जैसा प्रताप जब भी दिखाया जाएगा, संसार कहेगा- यह सही है, ऐसा ही होना था।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: कोई हमारा नुकसान चाहे तो प्रताप दिखाना पड़ेगा

