[ad_1]
- Hindi News
- Opinion
- Column By Pt. Vijayshankar Mehta No AI Can Penetrate The Privacy Of The Soul
पं. विजयशंकर मेहता
किसी की निजता पर प्रहार नहीं किया जाना चाहिए। आपके परिवारों में जितने भी सदस्य हैं, हरेक की अपनी निजता है। निजता का अर्थ है, वह मनुष्य अपने भीतर क्या सोचता है, क्या करता है और कैसे रहता है- इसमें मान-सम्मान, प्रेम, अहिंसा, करुणा सब समाए हैं।
निजता पर प्रहार का सबसे शर्मनाक दृश्य महाभारत में भरी सभा में द्रौपदी के अपमान वाला था। अपराध-वृत्ति इतनी पसर गई है कि समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन में भी निजता पर प्रहार किया जा रहा है। अब सबसे बड़ा प्रहार होने जा रहा है एआई द्वारा।
कुछ भी गोपनीय नहीं रहेगा आने वाले समय में। एक काम किया जाए। हमारी सबसे बड़ी निजता हमारी आत्मा है। तो चौबीस घंटे में एक बार आत्मा पर टिकें। क्योंकि इस आत्मा की निजता को कोई भी एआई बाधित नहीं कर सकता। इसलिए जैसे-जैसे निजता पर प्रहार होने के अवसर और बढ़ेंगे, आत्मा तक जाने के मौके हमें बढ़ाने होंगे। और उसमें से एक सबसे अच्छा मौका होता है, ध्यान करके आत्मा तक पहुंचना।
[ad_2]
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: आत्मा की निजता को कोई एआई भेद नहीं सकता