[ad_1]
- Hindi News
- Opinion
- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Sanatan Teaches Balance, Coordination, Work With Restraint
44 मिनट पहले

- कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता
विज्ञान का आधार खोज रहा है। और हमारे ऋषि-मुनियों का आधार ढूंढना रहा है। खोजी वो वस्तु जाती है, जो हमारे पास पहले थी नहीं। ढूंढना उस वस्तु को पड़ता है, जो पहले से हमारे पास है पर हम कहीं भूल गए। जैसे सनातन धर्म में सनातन का अर्थ है शाश्वत यानी जो हमेशा से है। लेकिन आजकल भ्रम के कारण इसका अर्थ अलग ले लिया जाता है।

कुछ साल पहले अगर कोई जयश्री राम बोले तो माना जाता था ये एक विशेष राजनीतिक दल से जुड़े हैं। जबकि भगवान का नाम है। ऐसे ही आज सनातन को राजनीति का विषय न बनाया जाए। इसकी कल्पना बड़ी वैज्ञानिक है। इसमें मनुष्य के जीने के वो सारे नियम हैं, जिनकी खोज विज्ञान ने की।
विज्ञान कहता है, हम खोजकर ही मानेंगे। जबकि सनातन में कहा है कि हमने पहले ही मान लिया है कि एक परमशक्ति है, आराम से ढूंढेंगे। सनातन सिखाता है जीवन में संतुलन, तालमेल और संयम से काम लें। सनातन आदर्श-वाक्य होना चाहिए, क्योंकि उसमें मनुष्य के भविष्य की सबसे सुंदर जीवनशैली समाई है।
[ad_2]
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: सनातन सिखाता है संतुलन, तालमेल, संयम से काम लें