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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Be Careful If The Machine Starts Using You
पं. विजयशंकर मेहता
यदि आप कारोबार की दुनिया में हैं तो आपका जो प्रोडक्ट हो, और यदि आप नौकरी कर रहे हों तो आपका प्रोडक्ट सेवा है- अपने प्रोडक्ट को लेकर सावधान रहिए। ये दूसरों को भटकाने वाला न हो और मानवता के लिए हितकारी हो।
धीरे-धीरे, व्यावसायिक जीवन में यंत्र बहुत हावी होने वाले हैं। मशीन का कब्जा हर गतिविधि पर हो जाएगा। आप देखेंगे कि मोबाइल और कम्प्यूटर पर हाथ-उंगलियों के उपयोग कम होंगे। शब्दों से काम चलेगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है। धीरे-धीरे यंत्र तय करेगा कि आपको दिमाग भी नहीं लड़ाना है। हमारी दस इंद्रियां इसके वश में होंगी।
मैंने पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया में देखा कि वहां जगह-जगह वो मशीनें लगी हैं जो आपको जुआ खिलाती हैं। और जुआ खेलने वाले जब उसके सामने बैठते हैं तो समझ नहीं आता मशीन कौन है। सारा नियंत्रण मशीन के पास है। और इसीलिए उस देश में जुए का सबसे ज्यादा नुकसान वही लोग उठा रहे हैं। आप जब तक मशीन का उपयोग करें तब तक तो ठीक है। लेकिन उस पल सावधान हो जाएं, जब मशीन ही आपका उपयोग करने लगे।

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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: मशीन आपका उपयोग करने लगे तो सावधान हो जाएं