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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column It Is In Our Hands To Earn Or Lose Our Life
4 घंटे पहले

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पं. विजयशंकर मेहता
कभी-कभी कुछ लोगों के मुंह से सुनने में आता है कि जीवन व्यर्थ गंवा दिया। तो जीवन को गंवाया जा सकता है, इसका यह मतलब हुआ कि कमाया भी जा सकता है। क्योंकि ऐसा कहते हैं कि जीवन वो जगह है, जहां हम अपनी मृत्यु कमाते हैं। तो मृत्यु को कमाया कैसे जाता है? उसका नाम है- स्वास्थ्य और होश।
हमारे यहां आशीर्वाद दिया जाता है- दीर्घायु हों। इसका मतलब है कि आपका मानवकाल बढ़ा रहे। आपकी मृत्यु जल्दी न हो, जीवन को जमकर देखें। लेकिन अधिक जीकर करेंगे क्या? बिस्तर पर पड़े रहें, कोई सेवा करे, शरीर निष्क्रिय हो जाए। तो जीवन कमाना हो, मृत्यु कमानी हो तो सीखें हनुमान जी से। आज हनुमान जयंती है।
हनुमान चालीसा में लिखा है- अंतकाल रघुवरपुर जाई। और एक जगह लिखा है- नासे रोग हरे सब पीरा। इसका सीधा अर्थ है कि हनुमान जी से जुड़िए। हनुमान चालीसा के माध्यम से समझिए कि हनुमान जयंती हमको संदेश दे रही है जीवन को कमाना या गंवाना हमारे हाथ में है।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: अपने जीवन को कमाना या गंवाना हमारे ही हाथ में है