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- Column By Pandit Vijayshankar Mehta Whatever Time You Have, Do Spend It With The Elders
पं. विजयशंकर मेहता
ऋषि-मुनि कहा करते थे कि बड़े-बूढ़ों से छोटों के भीतर तीन चीजें बड़ी आसानी से प्रवाहित होती हैं- सात्विकता, संस्कृति और सकारात्मक ऊर्जा। इसलिए हमें बड़े-बूढ़ों के आसपास रहना चाहिए, या हमारे सीनियर पैरेंट्स हमारे आसपास रहें, ऐसा प्रयास करना चाहिए। पूरी दुनिया में यह गौरव सिर्फ भारत को है कि एक छत के नीचे तीन-तीन पीढ़ियां प्रेम से रहती हैं।
इसका नाम है भारतीय मॉडल। यह चर्चा में तब आया, जब दुनिया के कई देशों ने इस पर प्रयोग किए कि सीनियर पैरेंट के साथ क्यों रहा जाए। पूरी दुनिया ने यह बात मानी कि भारत में बड़े-बूढ़ों के साथ लोग रहते हैं, उनका मान करते हैं और उनसे जो भी श्रेष्ठ मिलता है, खासतौर पर पॉजिटिविटी वो ले लेते हैं। और यह मॉडल अन्य देशों में भी अपनाया जा रहा है। लेकिन फिर भी हमें बहुत अधिक निश्चिंत नहीं होना चाहिए।
हमारे इस मॉडल पर खतरा मंडरा रहा है। धीरे-धीरे भारत के घरों में भी बड़े-बूढ़ों को अकेलेपन में धकेला जा रहा है। ऐसी गलती ना करें। आपकी जो भी रुचि हो, आपके पास जितना भी समय हो, अपने से बड़ों के साथ जरूर बिताइए।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: जितना भी समय हो, बड़े- बूढ़ों के साथ जरूर बिताइए

