
[ad_1]
- Hindi News
- Opinion
- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Every Step Taken By Shri Ram Is With Grace
पं. विजयशंकर मेहता
कहते हैं श्रीराम की हर गतिविधि दूसरों के भले के लिए होती है। उनका हर निर्णय परहित से भरा रहता है। श्रीराम अपने भाइयों के साथ अमराई में बैठे थे तो वहां नारद आए। नारद ने श्रीराम की स्तुति करते हुए कहा- मामवलोकय पंकज लोचन। कृपा बिलोकनि सोच बिमोचन।।
कृपापूर्वक देख लेने मात्र से शोक के छुड़ाने वाले, राम जी, मेरी ओर देखिए। मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए। नारद तो कहते हैं देखने मात्र से कृपा करते हैं राम। इसलिए हर रामभक्त को कृपापूर्वक होना चाहिए। दूसरों के भले के लिए खूब सोचिए। हमारे यहां एक दीपदान की परम्परा है।
जब हम किसी जल में दीप छोड़ते हैं तो हम जानते हैं थोड़ी देर में उसे डूबना है। लेकिन दीप वो प्रकाश है, जिसके माध्यम से हम यह तय करते हैं कि हम अपनी क्षमता, योग्यता, अपना ओज और तेज किसी और के लिए प्रवाहित कर रहे हैं। अपने हाथ से दीप छोड़ने का मतलब ही यह है कि अब ये हाथ दूसरों के भले के लिए उठेंगे। इसे ही कहते हैं कृपापूर्वक जीवन जीना।
[ad_2]
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: श्रीराम का प्रत्येक कदम कृपापूर्वक ही उठता है