in

पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: माताओं-बहनों की सुरक्षा पूजा जैसा सत्कर्म हो Politics & News

[ad_1]

  • Hindi News
  • Opinion
  • Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Protection Of Mothers And Sisters Should Be A Good Deed Like Worship

1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

इस समय समाज में दो काम एक साथ देखे जा रहे हैं। अपराध के प्रति भय नहीं रहा और भोग जमकर किया जा रहा है। इन सब में भूमिका है शराब की। अपराधियों के लिए तो शराब टॉनिक का काम कर रही है। भले ही लोग इसे फैशन मानकर पी रहे हैं, पर बुराई उतर रही है।

बंगाल में हुए डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के पीछे भी शराब निकल कर आई। पहले लोग छुपकर शराब पीते थे। अब सरेआम पीते हैं, तो अपराध भी सरेआम घूम रहा है। हमारी माताएं-बहनें बहुत असुरक्षित होती जा रही हैं।

रक्षा के लिए जो सोशल पुलिसिंग होनी चाहिए, वो तो हो ही नहीं सकती क्योंकि लोग सामाजिक रूप से मद्यपान कर रहे हैं। गलत काम सामूहिक रूप से होता देखकर लोग कन्नी काट जाते हैं। समाज की सामूहिक शक्ति दम तोड़ रही है।

कानून व्यवस्था का आंकड़ा यह है कि लगभग 150 पुलिस वाले प्रति दस लाख आबादी पर हैं। ऐसे में इनसे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती। जागरूकता रखना पड़ेगी। माताओं-बहनों का सम्मान और सुरक्षा हमारे लिए पूजा जैसा सत्कर्म होना चाहिए।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: माताओं-बहनों की सुरक्षा पूजा जैसा सत्कर्म हो

Sirsa News: कीटनाशक की दुकान से मिली प्रतिबंधित दवा, कृषि विभाग ने की सील Latest Haryana News

Rohtak News: रक्तदान शिविर में लोगों ने लिया बढ़-चढ़कर भाग Latest Haryana News