पंप संचालक आत्महत्या मामला: आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हिसार एडीजीपी से मिले परिजन, शव उठाने से किया मना


Pump operator suicide case, Relatives met Hisar ADGP to arrest accused, refused to pick up dead body

हिसार एडीजीपी श्रीकांत जाधव से मिलने पहुंचे परिजन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिसार के पेट्रोल पंप संचालक रोशन लाल के परिजनों ने आरोपियाें की गिरफ्तारी होने तक शव को लेने से इनकार कर दिया है। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर क्रांतिमान पार्क में एकत्र हुए। इसके बाद एडीजीपी श्रीकांत जाधव से मिले। गांव रामायण निवासी रोशन पंप संचालक रोशनलाल ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के पास से तीन पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ था। जिसमें गांव रामायण निवासी रोशनलाल ने भाजपा निगरानी समिति के लोकसभा संयोजक मंदीप मलिक और जयेश बंगा को अपनी मौत का जिम्मेवार ठहराया है। फतेहाबाद पुलिस ने मृतक के बेटे महेश की शिकायत पर मंदीप मलिक, जयेश बंगा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।

पुलिस को दी शिकायत के अनुसार

पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक रोशनलाल के बेटे महेश ने बताया कि वह जिंदल फैक्टरी में काम करता है। पिता रोशन लाल ने उमरा निवासी मंदीप मलिक के साथ हिस्सेदारी कर हमारे गांव रामायण में पेट्रोल पंप खोला था। पंप के सारे कागजात मेरे पिता के नाम है। मंदीप की हिस्सेदारी थी। मनमुटाव के चलते 4 जून 2021 को पंचायत में दोनों ने पेट्रोल पंप को 80 लाख में बेच दिया। मेरे पिता ने हिस्से के 40 लाख रुपये मंदीप मलिक को दे दिए।

लेन-देन का था मामला

मंदीप ने पंचायत में मेरे पिता के साइन किए हुए चार चेक वापस देने की बात कही थी। बाद में उसने चेक वापस नहीं किए। 16 अप्रैल 2022 मंदीप मलिक ने मेरे पिता के साइन किया हुआ एक चेक बैंक में लगाकर खाते से 1 लाख 65 हजार रुपये की नकदी निकाल ली। जब पिता ने उससे पूछा तो उसने कहा कि गलती से रुपये निकाल लिए वापस कर दूंगा। मंदीप मलिक ने यह पैसे वापस नहीं किए। उसके बाद 29 अगस्त 2022 को 5 लाख रुपये का चेक जयेश बंगा के नाम से बैंक में लगा दिया।

उपचार के दौरान हुई रोशन की मौत

चैक बाउंस होने पर हमें अदालत के जरिए हमें पता चला। हमने मंदीप मलिक से बात की तो कहने लगा कि रुपये तो मैं लेता रहूंगा नहीं दिए तो अदालत के माध्यम से परेशान कर चेक बांउस करवा कर लेता रहूंगा। सरकार में मेरी ऊपर तक पहुंच है। इसी बात से परेशान होकर 6 जून को पिता रोशनलाल ने फतेहाबाद के गांव बड़ोपल के पास से गुजरने वाली नहर के पास जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। गंभीर हालत में उन्हें मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में भर्ती कराया। 8 जून को सुबह उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

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