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पंजाब सीएम भगवंत मान धूरी में समागम को संबाेधित करते हुए।
पंजाब सीएम भगवंत मान ने आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अब वह लोग संतों व महापुरुषों को मर्यादा बताएंगे। जिसकी आपकी नियुक्ति के समय मर्यादा भंग हुई थी। अभी तक वह प्रमाण पत्र लेते फिर रहे हैं। हमें मान लो
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संगरूर धूरी में सीएम ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब वह पदवी बहुत बड़ी है। उसका सत्कार हमेशा रहेगा। मैं उस पर बैठने वालों की बात करता हूं। वह राजनीतिक लोगों के द्वारा नियुक्त है। यह चीज गलत है। गोलक के मिसयूज की बात करने पर सबूत मांगते हैं।
जब दो दिसंबर को अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को तलब किया था, उस समय के जत्थेदार ने पूछा इश्तिहार छपवाए थे तो कहा था हांजी। फिर कहा था यह लोग जमा करवाएंगे। मैं तो पार्लियामेंट में कहा था कि जेबों से जत्थेदार निकलते हैं। मैं आप लोगों की आवाज़ बोलता हूं।
पंजाब सीएम भगवंत मान लोगों को संबोधित करते हुए।
सीएम भगवंत मान ने अपनी स्पीच में तीन प्वाइंट उठाएं
छिपकली की तरह धर्म का करते है प्रयोग
सीएम ने कहा कि मैं आज भी कह देता हूं, छिपकली पूरी रात कीड़े मकौड़े खाती है। मच्छर खाती है। जब दिन निकलता है तो गुरु साहिब की फोटो के नीचे छिप जाती है। हमें पता ही नहीं चलता क्या हो रहा है। ऐसे ही गुरु साहिब की फोटो के पीछे जाती है। ऐसे यह लोग गुरु साहिब की फोटो के पीछे छिपते रहे। धर्म को अपनी मुट्ठी में लेकर प्रयोग करते रहे। हम नतमस्तक होकर माथा टेकते रहे।
अब भी निकालेंगे कई तरह की खामियां
अब भी कई तरह की खामियां निकालेंगे। लेकिन हमारी श्रद्धा, उनकी आवाज़ चलेगी। गुरु साहिब सबके सांझे हैं। सर्व सांझी गुरबाणी। उसे भी यहाँ रखा है कि एक चैनल की है। हम जब विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आए कि हम अपना चैनल बनाएँगे। आज अखबारों में खबर है कि उस पर भी एक हफ्ते की पाबंदी लगाकर बैठे हैं।
मुझे एसजीपीसी सचिवालय बुलाने की तैयारी
सीएम ने कहा कि कहा जा रहा है कि शायद भगवंत मान को हम शिरोमणि कमेटी के सचिवालय में बुलाकर पूछेंगे। मैं तो अरदास कर रहा हूं कि मुझे बुलाया जाए। मैं सारी चीज़ें वहाँ पर रख दूंगा। कहाँ से पैसा आया गया। मैं राजनीतिक तौर पर धर्म को बीच में लेना नहीं चाहता।
तरनतारन के लोगों ने असलियत बताई
बीजेपी ने कल भाई जैता जी म्यूज़ियम यात्रा लेकर आई हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपनी यात्रा असम से लेकर आई है। जब 300 साला आया तो सरकार किसकी थी। उस समय बादल साहिब की थी। अब क्यों आपत्ति है। असल वजह यह है कि अब तो इनकी धर्म के क्षेत्र में पकड़ कमजोर पड़ गई है। तरनतारन के लोगों ने इसे असलियत दिखा दी।
गोलक के मिसयूज की बात करने पर सबूत मांगते है। जब दो दिसंबर को अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को तलब किया था, उस समय के जत्थेदार ने पूछा इश्तिहार छपवाएं थे तो कहा था हांजी। फिर कहा था यह लोग जमा करवाएंगे। मैं तो पार्यलिमेंट में कहा था कि जेबों से जत्थेदार निकलते है। मैं आप लोगों की आवाज बोलता है।
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पंजाब सीएम का जत्थेदार की नियुक्ति पर तंज: जिनकी नियुक्ति में मर्यादा भंग हुई, वह मर्यादा सिखाएंगे; जेबों से जत्थेदार निकलते हैं – Chandigarh News
