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हरियाणा के सीएम पंजाब बीजेपी कार्यालय में नए मेंबरों से फोन पर बात करते हुए।
हरियाणा के मुकाबले पंजाब में भाजपा का सदस्यता अभियान काफी पिछड़ रहा है। जिसके चलते हरियाणा का नेतृत्व सक्रिय हो गया है। पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी हरियाणा के नेताओं से मिल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री
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इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चंडीगढ़ स्थित पंजाब भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पंजाब में भाजपा की सदस्यता लेने वाले लोगों से फोन पर बात की। पंजाब भाजपा के पदाधिकारियों को सीएम के इस दौरे की कोई जानकारी नहीं थी। वह सिर्फ भाजपा के चल रहे सत्यापन के लिए आए थे।
सीएम ने कहा, “मैंने पंजाब में सदस्यता संचालकों, फोन करने वालों और भाजपा की सदस्यता लेने वाले लोगों से चर्चा की। मुझे चर्चा का यह कार्यक्रम अच्छा लगा।” “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन और भारत को आगे ले जाने के उनके निरंतर प्रयासों को लेकर नई दिशा ने पिछले 10 वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।”
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बात करते पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़।
हरियाणा के नेताओं से मिल रहे हैं जाखड़
पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं से मिल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी, इससे पहले उन्होंने सीएम नायब सैनी से औपचारिक मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान जाखड़ ने पंजाब में सदस्यता को लेकर चर्चा की।
हरियाणा के नेताओं ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जल्द ही हरियाणा पंजाब में सदस्यता अभियान को गति देने का काम करेगा।
पंजाब में मेंबरशिप का क्या हाल
पंजाब में भारतीय जनता पार्टी तय किए गए सदस्यता अभियान के लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। इसका असर राज्य में पार्टी के संगठनात्मक चुनावों पर भी पड़ने वाला है जो अब बाकी राज्यों में होने वाले संगठन चुनावों के साथ नहीं हो पाएंगे। बीजेपी के राज्य के नेताओं के मुताबिक पार्टी ने राज्य में अब तक लगभग 8 लाख सदस्य बना लिए हैं।
हालांकि ये 30 लाख सदस्य बनाने के तय लक्ष्य से काफी कम हैं। जिस रफ्तार से सदस्यता अभियान चला है उससे पार्टी को 30 लाख सदस्य बनाने के लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है।
हर 5 साल बाद चलता है अभियान
बीजेपी हर पांच साल बाद सदस्यता अभियान चलाती है। 2 सितंबर को पिछले साल नया सदस्यता अभियान शुरू हुआ था। उससे पहले पार्टी के राज्य में 18 लाख सदस्य थे। सरीन के मुताबिक अब सदस्यता अभियान 21 जनवरी तक चलेगा। बीजेपी को पंजाब में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे बड़ी समस्या किसान आंदोलन है। साल 2020 के किसान आंदोलन में बीजेपी को राज्य में जबरदस्त विरोध सहना पड़ा था और अब जो आंदोलन शंभू और खनौरी सीमाओं पर चल रहा है उससे भी लोग बीजेपी का सदस्य बनने से हिचकिचा रहें हैं।
इसलिए पिछड़ रह सदस्यता अभियान?
दूसरी समस्या पार्टी के राज्य अध्यक्ष की निष्क्रियता है। कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए सुनील जाखड़ को पंजाब में राज्य अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन लोकसभा चुनावों के बाद वे निष्क्रिय हैं और पद छोड़ने के लिए पार्टी को कह चुके हैं।
हालांकि अभी तक जाखड़ ही राज्य पार्टी अध्यक्ष हैं और पार्टी के तमाम कार्यक्रम उनकी अनुपस्थिति में ही हो रहे हैं। नए अध्यक्ष का चुनाव सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद निचले स्तर पर संगठनात्मक चुनाव होने के बाद ही हो पाएगा।
ये भी हो सकती है वजह
सरीन के मुताबिक सदस्यता अभियान में बड़ी समस्या इस दौरान हुए चुनावों से आई है। उनके मुताबिक इस दौरान पंचायत चुनाव, विधानसभा के उपचुनाव और नगर निगमों और नगर काउंसिलों के चुनाव हुए जिसके चलते सदस्यता अभियान पर फर्क पड़ा है।
उनके मुताबिक पिछली बार सदस्यता अभियान महज एक दिए गए नंबर पर मिस्ड काल से चलाया गया था जबकि इस बार पूरा फॉर्म ऑनलाइन भरा जा रहा है जिसका भी असर सदस्यता अभियान पर पड़ रहा है।
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