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हड़ताल की वजह से अमृतसर में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग प्राइवेट बसों का इंतजार करते नजर आए।
पंजाब में आज से 3 हजार सरकारी बसें 3 दिन बंद रहेंगी। इसमें पंजाब रोडवेज, PRTC और पनबस की सभी बसें शामिल हैं। इन सभी बसों के कर्मचारी 6 जनवरी से 8 जनवरी तक हड़ताल पर रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों ने भी इन्हें समर्थन दे दिया है। इसके अलावा कर्मचारी कल चंडी
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हड़ताली कर्मचारी उन्हें पक्का करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पनबस और पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन ने पिछले महीने सभी मंत्रियों को मांग पत्र भी सौंपे थे। इसके बावजूद उनकी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इसके उलट पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल वहां की सरकारें कर्मचारियों को 2 साल बाद परमानेंट कर रही हैं। मगर, पंजाब सरकार उमा देवी फैसले का बहाना बनाकर पंजाब के कर्मचारियों का शोषण कर रही है।
हड़ताल की कुछ PHOTOS देखें..
अमृतसर स्टैंड पर खड़ी दूसरे राज्यों की बसें ये बसें अपने समय पर निकलेंगी। ये हड़ताल में शामिल नहीं हैं। स्टैंड के अंदर खड़ी पंजाब रोडवेज, PRTC और पनबस की बसें नहीं चलेंगी।
जालंधर बस स्टैंड पर लगी खाली बसों की लाइन।
जालंधर बस स्टैंड पर भी हड़ताल का असर रहा यहां पर कुछ यात्री स्टैंड के अंदर जाते नजर आए हालांकि उन्हें कोई बस मिल नहीं पाई।
जालंधर बस स्टैंड आम दिनों में यात्रियों से भरा रहता था, लेकिन आज यहां पर हड़ताल के चलते बसें खाली खड़ी नजर आईं। हालांकि प्राइवेट बसें सामान्य दिनों की तरह की अपनी सेवाएं दे रही हैं।
फरीदकोट डिपो में प्रदर्शन करते पीआरटीसी, पंजाब रोडवेज और पनबस के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर।
महिलाओं के मुफ्त सफर का 600 करोड़ बकाया पंजाब सरकार महिलाओं को मुफ्त बस सफर के करीब 600 करोड़ रुपए अदा नहीं कर रही। जिस वजह से उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा। करीब 4 महीनों से कांट्रैक्ट कर्मियों के ईपीएफ में 1950 रुपए प्रति कर्मचारी जमा नहीं कराया जा रहा। जिसकी कुल राशि करीब साढ़े चार करोड़ रुपए के पास हो चुकी हैं।
यूनियन नेता के अनुसार पनबस और पीआरटीसी के पास इस समय 2 हजार कांट्रैक्ट कर्मचारी और करीब 6 हजार आउटसोर्स कर्मचारी हैं। जो लंबे समय से अपनी मांगें पूरा होने की इंतजार कर रहे हैं। 400 से अधिक बेहद पुरानी बसें हैं। पनबस और पीआरटीसी को करीब 90% कांट्रैक्ट कर्मचारी चला रहे हैं। रेशम ने कहा कि कुछ अधिकारी प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों से मिले हुए हैं, जिस वजह से सरकारी बसों की गिनती में लगातार कमी हो रही है।
कपूरथला में प्रदर्शन करते पीआरटीसी, पंजाब रोडवेज और पनबस के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी।
पिछले साल 1 जुलाई को मुख्यमंत्री से हुई थी मुलाकात हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने कहा- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 जुलाई 2024 को यूनियन के साथ बैठक के बाद विभाग को एक दिन के भीतर मांगों को पूरा करने के निर्देश दिए थे। साथ में कहा गया था कि परिवहन विभाग के लिए अलग से नीति बनाई जाए। मगर, अभी तक हर बैठक में अधिकारियों द्वारा मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
कर्मचारियों के लिए अलग से नीति बनाने की बजाय 10 साल पुरानी नीति के तहत टेस्ट जैसी शर्तें रख शोषण किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने वादा किया था कि सरकार बनते ही ठेकेदार प्रथा को खत्म कर देंगे। मगर, 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी कर्मचारियों के लिए कोई समाधान नहीं हुआ है, जिसके विरोध में यूनियन ने धरना-प्रदर्शन किया है।
लुधियाना में प्रदर्शन करते पीआरटीसी, पंजाब रोडवेज और पनबस के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी
यूनियन नेता बोले- लोग परेशान होंगे लेकिन रास्ता नहीं बचा पीआरटीसी और पनबस के कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के प्रधान रेशम सिंह ने कहा- इस हड़ताल से पीआरटीसी की 1100 और पनबस की 600 बसें प्रभावित रहेंगी। हड़ताल के दौरान पंजाब के किसी हिस्से में कोई बस नहीं चलाई जाएगी। हालांकि इस हड़ताल का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद यूनियन नेताओं का कहना है कि उनके पास पंजाब सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए अब कोई अन्य रास्ता नहीं बचा है।
राज्य सचिव शमशेर सिंह ढिल्लों, सी.उपप्रधान बलजिंदर सिंह, जगजीत सिंह लिबड़ा, संयुक्त सचिव जगतार सिंह, जलौर सिंह, जोध सिंह ने कहा कि पंजाब के परिवहन कर्मचारियों ने कोरोना, बाढ़, युद्ध, दंगे, चुनाव ड्यूटी सहित राजनीतिक रैलियों में ड्यूटी की और अब भी कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
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पंजाब में 3 हजार सरकारी बसें बंद: कर्मचारी तीन दिन की हड़ताल पर गए; बोले- हरियाणा-हिमाचल सरकार 2 साल में पक्के कर रही – Jalandhar News