in

पंजाब में शहीदों का पहला मंदिर: शहीद रणबीर की यहां रोज होती है पूजा, कारगिल युद्ध में मारे थे 25 पाकिस्तानी सैनिक – Pathankot News Chandigarh News Updates

पंजाब में शहीदों का पहला मंदिर:  शहीद रणबीर की यहां रोज होती है पूजा, कारगिल युद्ध में मारे थे 25 पाकिस्तानी सैनिक – Pathankot News Chandigarh News Updates

[ad_1]

शहीद लांस नायक रणबीर के नाम पर बना मंदिर और उसमें लगी उनकी प्रतिमा।

पंजाब के गुरदासपुर में एक ऐसा मंदिर है जो कारगिल शहीद के नाम पर है। गांव आलमां के इस मंदिर में शहीद रणबीर की प्रतिमा लगी है और लोग रोजाना यहां उनकी पूजा करते हैं।

.

13 जेके राइफल के लांस नायक रणबीर कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के 25 सैनिकों को मारकर शहीद हो गए थे। युद्ध में बहादुरी के लिए उनको मरणोपरांत सेना मैडल से नवाजा गया।

शहादत से पहले रणबीर ने मां को खत लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा-

मां मैं यहां ठीक हूं। तुम अपना ध्यान रखना, मेरी फिक्र मत करना, मेरे लिए ये परीक्षा की घड़ी है।

QuoteImage

पाकिस्तानी सेना की हलचल दिखी, गश्ती दल पर हमला 3 मई 1999 को कुछ चरवाहों ने बटालिक की पहाड़ियों पर घुसपैठिए देखे। इसकी जानकारी आर्मी को दी। जानकारी की पुष्टि के लिए 5 मई को बटालिक की पहाड़ियों के लिए लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया की कमांड में 5 जवान गए, लेकिन वे नहीं लौटे। 9 मई को कारगिल में पाकिस्तान ने गोलाबारी शुरू दी। इस दौरान ​​​​​​13 जेके राइफल में तैनात रणबीर की यूनिट ने भी मोर्चा संभाला।

16 हजार फीट बर्फीली पहाड़ियां चढ़कर किया अटैक लांस नायक रणबीर सिंह और उनकी यूनिट के साथियों ने कारगिल हिल पर कब्जा करने के लिए बर्फीले पहाड़ों पर चढ़ाई शुरू की। दुश्मन के करीब पहुंचने पर पाकिस्तानी सैनिकों ने उन पर फायरिंग कर दी। इसका जवाब देते हुए लांस नायक रणबीर सिंह की यूनिट ने पाकिस्तानियों को पीछे खदेड़ दिया।

साथियों को बचाते गोली लगी, बदले में 25 पाकिस्तानी सैनिक मारे एक बार पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के बाद जैसे ही 13 जेके राइफल ने चढ़ाई शुरू की तो पाकिस्तानी सैनिकों ने फिर से गोलाबारी शुरू कर दी। इस दौरान एक गोली लांस नायक रणबीर सिंह को भी लगी। कारगिल की चोटियों पर कब्जा जमाए बैठे पाकिस्तानी सैनिक अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। इस बीच अपने साथियों को बचाने के लिए रणबीर सिंह आगे आए और पाकिस्तानी सैनिकों पर सामने से अटैक कर दिया। इस गोलीबारी में पाकिस्तान के 25 सैनिक मारे गए।

6 जून 1999 को हो गए शहीद दुश्मन की गोली लगने के बाद भी रणबीर सिंह ने डटकर मुकाबला किया। काफी खून बह जाने से वह जंग के दौरान शहीद हो गए। इसके बाद भी यूनिट के साथियों ने गोलाबारी जारी रखी और लांस नायक रणबीर की शहादत का बदला लेते हुए कारगिल की एक चोटी को खाली करवा लिया

इधर पार्थिव देह तो उधर मां को लिखा खत पहुंचा शहादत से पहले रणबीर ने अपनी मां को जो खत लिखा था संयोग से वो भी उसी दिन मिला जिस दिन उनका पार्थिव शरीर घर लाया गया। जब शहीद का परिवार और गांव वाले अंतिम दर्शन कर रहे थे उसे समय डाकिया आया और ये खत थमाया। इसमें लिखा था-“मां मैं यहां ठीक हूं। तुम अपना ख्याल रखना, मेरी फिक्र मत करना, मेरे लिए परीक्षा की घड़ी है”।

मरणोपरांत सेना मैडल से नवाजे गए 9 मई 1999 को अपने साथियों को बचाने और 25 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने पर भारत सरकार ने रणबीर सिंह को मरणोपरांत सेना मैडल से नवाजा। इसके बाद परिवार ने उनके नाम पर मंदिर बनवाया ताकि आने वाली पीढ़ियां रणबीर की वीरता को याद रखें।

शहीद लांस नायक रणबीर। इनको मरणोपरांत सेना मैडल से नवाजा गया।

शहीद लांस नायक रणबीर। इनको मरणोपरांत सेना मैडल से नवाजा गया।

परिवार ने मंदिर बनाकर स्टैच्यू लगाया गांव आलमां में बने इस मंदिर में शहीद रणबीर का स्टैच्यू लगाया गया है। मंदिर के बाहर प्रणाम शहीदां नूं लिखा गया है। यहां पर हर रोज इनकी पूजा की जाती है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवा इनका आशीर्वाद लेते हैं। इसके साथ ही इसी स्थान पर उनका जन्मदिन व शहीदी दिवस मनाया जाता है।

सुबह-शाम जलता है दीपक,माथा टेक लोग शुरू करते हैं काम इस बारे में शहीद परिवारों के लिए काम करने वाली संस्था शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह ने बताया कि यहां पर सुबह दीपक जलाया जाता है। उसके बाद ही यहां के लोग अपना काम शुरू करते हैं।

विक्की बोले- शहीद तब मरते हैं जब सरकारें भुला देती हैं पंजाब के पठानकोट व गुरदासपुर जिले में 50 के करीब शहीद हैं। इनके नाम पर स्कूल व कॉलेजों के नाम रखे गए हैं। यादगारी गेट बनाए गए हैं। साथ ही प्रतिमाएं लगाईं गई हैं। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर विक्की का कहना है कि शहीद कभी मरते नहीं हैं। वे हमेशा जिंदा रहते हैं। शहीद तभी मरते हैं, जब हमारी सरकारें और समाज उन्हें भुला देता है।

मंदिर में लगी शहीद की प्रतिमा और इसके बारे में बताते कुंवर रविंदर विक्की।

मंदिर में लगी शहीद की प्रतिमा और इसके बारे में बताते कुंवर रविंदर विक्की।

देश में यहां भी हैं शहीदों के मंदिर

हरियाणा के गुमथला राव गांव में इंकलाब मंदिर यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है और यहां शहीदों की पूजा 23 वर्षों से हो रही है। इस मंदिर में भारतमाता, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, ऊधम सिंह, लाला लाजपत राय, करतार सिंह सराभा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और मंगल पांडे सहित कई शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

बिहार के बेगूसराय में देवी देवता की तरह पूजे जाते हैं शहीद बेगूसराय के गांव परना गांव में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के बीच शहीदों की भी प्रतिमाएं लगाई गई हैं। यहां इनकी पूजा होती है और सेना में जाने वाले युवा यहां मुरादें मांगते हैं। डिफेंस की तैयारी करने से पूर्व युवा यहां आते हैं। वे यहां पूजा के बाद भर्ती की तैयारी में जुट जाते हैं।

[ad_2]
पंजाब में शहीदों का पहला मंदिर: शहीद रणबीर की यहां रोज होती है पूजा, कारगिल युद्ध में मारे थे 25 पाकिस्तानी सैनिक – Pathankot News

Pakistan Foreign Minister calls for ‘composite dialogue’ with India to address contentious issues Today World News

Pakistan Foreign Minister calls for ‘composite dialogue’ with India to address contentious issues Today World News

नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 90.23मी. भाला फेंका:  यह उनका ऑलटाइम बेस्ट थ्रो, ऐसा करने वाले तीसरे एशियाई प्लेयर Today Sports News

नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 90.23मी. भाला फेंका: यह उनका ऑलटाइम बेस्ट थ्रो, ऐसा करने वाले तीसरे एशियाई प्लेयर Today Sports News