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आईएएस जितेंद्र जोरवाल जिम में एक्सरसाइज करते हुए।
पंजाब के आईएएस अफसर जितेंद्र जोरवाल जितने शॉर्प माइंडेड हैं, उतने ही फिजिकली फिट भी हैं। 2014 बैच के आईएएस जितेंद्र जोरवाल बॉडी बिल्डिंग के शौकीन हैं। वे रोजाना चार बजे जिम जाते हैं और एक घंटा एक्सरसाइज करते हुए खूब पसीना बहाते है।
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खास बात ये है कि नियमित तौर पर जिम जाते ही है, वहां की गई एक्सरसाइज की वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी अपलोड करते हैं। जिम के बाद वे 20 मिनट के लिए योगा भी करते हैं ताकि माइंड को पूरा रिलैक्स मिल सके।
कहते है कि वर्क-लाइफ और वर्कआउट को बैलेंस करना जरूरी है। इस एक्सरसाइज और योगा के बाद उन्हें 18 घंटे काम करने में भी परेशानी नहीं होती। इसके अलावा स्लम एरिया के बच्चों की पढ़ाई के लिए सराहनीय कदम उठा चुके है। इन्हीं खासियतों की वजह से वो युवाओं के बीच हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं।
जिम में एक्सरसाइज करते हुए जितेंद्र जोरवाल।
फिटनेस लवर कैसे बने जोरवाल, सिलसिलेवार जानिए…
कॉलेज लेवल पर रहे वॉलीबाल प्लेयर : जितेंद्र जोरवाल फिटनेस को लेकर स्कूल लाइफ से ही सजग रहे हैं। कॉलेज लेवल पर वॉलीबाल के शानदार प्लेयर रहे हें। इस वजह से उनका फिटनेस पर शुरू से ध्यान रहा। जोरवाल बताते हैं कि खेलने से पहले वहां भी नियमित एक्सरसाइज करवाई जाती थी। इसकी वजह यह उनकी आदत में शामिल हो गया।
चार बजे पहुंच जाते हैं जिम, वेटलिफ्टिंग पर जोर : जितेंद्र जोरवाल जिम जाना कभी मिस नहीं करते। अफसर के तौर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होने के बावजूद वो सुबह चार बजे जिम पहुंच जाते हैं और एक घंटा एक्सरसाइज करते हैं। बताते हैं कि वो पहले 20 मिनट बॉडी को वार्मअप करते हैं और उसके बाद वेटलिफ्टिंग और बैंच प्रेस करते हैं। इससे पूरे शरीर की मसल्स एक्टिव हो जाती हैं।
कैलोरी के हिसाब से लेते हैं डाइट : जोरवाल बताते है कि शरीर को कितनी एनर्जी चाहिए, खाना उसके हिसाब से लेते हैं। नाश्ते से लेकर डिनर खाने में कैलोरी की पूरी कैलकुलेशन करते हैं और उसके हिसाब से एक्सरसाइज को बढ़ा देते हैं। नाश्ते में अंडा, सलाद, लंच और डिनर में सिंपल रोटी के अलावा चिकन व मटन, चावल बेहद पसंद हैं।

आईएएस जोरवाल अपनी बेटी के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते रहते है।
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है आईएएस जोरवाल…
सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते है वीडियो जितेंद्र जोरवाल सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव रहते हैं। इनका इंस्टाग्राम अकाउंट cross_trophy के नाम से है। इस अकाउंट पर वो अपने एक्सरसाइज करने के वीडियो अक्सर अपलोड करते रहते हैं। इसके अलावा अपने दोस्तों और बेटी के साथ बिताए हुए पलों को भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते रहते हैं।
इंस्टाग्राम पर फिटनेस ड्रिवेन आईएएस अफसर जितेंद्र जोरवाल फिटनेस को लेकर इतने क्रेजी हैं कि उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रोफाइल में लिखा है फिटनेस ड्रिवेन आईएएस अफसर। पेशनेट अबाउट हेल्थ एंड वेलनेस। वो अपनी वर्क-लाइफ को वर्कआउट के साथ बैलेंस करके चलते हैं। इंस्टाग्राम पर जितेंद्र जोरवाल को फॉलो करने वालों की संख्या 13.5 हजार से ज्यादा है।

जितेंद्र जोरवाल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है।
वर्क लाइफ में भी चर्चित रहे हैं जितेंद्र जोरवाल…
बच्चों के पोषण और उनकी शिक्षा पर काम किया आईएएस जितेंद्र जोरवाल सिर्फ अपनी फिटनेस को लेकर चर्चा में रहते हैं बल्कि वो अपनी वर्क लाइफ में भी काफी चर्चा में रहते हैं। संगरूर और लुधियाना में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उन्होंने बच्चों के पोषण और उनकी शिक्षा को लेकर शानदार काम किया। संगरूर में स्कूल ऑन व्हील और लुधियाना में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए काम किया।
स्लम एरिया में पढ़ाने के लिए बस तैयार कराई स्कूल ऑन व्हील प्रोजेक्ट में उन्होंने एक बस तैयार करवाई, जो स्लम एरिया में जाकर बच्चों को पढ़ाती थी। इन बच्चों के दिन के खाने का प्रबंध मिड-डे मील के जरिए करवाया। वहीं, लुधियाना में उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को काम उपलब्ध करवाने के लिए उन्हें स्कूल यूनिफॉर्म सिलने का काम दिया।
उन्होंने सभी सरकारी स्कूलों को सख्त हिदायत कर दी थी कि वर्दियां स्वयं सहायता समूहों से ही तैयार करवाई जाएंगी। उनके इस प्रयास से जिले की सैकड़ों महिलाओं को रोजगार मिल गया। उनके ट्रांसफर के बाद भी शिक्षा विभाग महिलाओं से ही यूनिफॉर्म तैयार करवा रहा है।
मिड डे मील चेक करने जाते तो खुद बच्चों के साथ खाते थे खाना लुधियाना में डीसी रहते हुए जितेंद्र जोरवाल ने स्कूलों में मिड-डे मील योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए खूब छापेमारी की। वो सप्ताह में एक दिन किसी न किसी सरकारी स्कूल में पहुंच जाते थे और मिड-डे मील का खाना खाने के लिए बच्चों के बीच बैठ जाते थे। इस वजह से स्कूल टीचर्स पर बच्चों के को क्वालिटी खाना देने का दबाव बना रहता था।
इसके अलावा अलग-अलग जिलों में डीसी रहते हुए उन्होंने सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन योजना लागू करवाई। जिन स्कूलों में खाली जगह थी, वहां पर सब्जियों का उत्पादन करवाया ताकि बच्चों को ताजी हरी सब्जियां मिल सकें।

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पंजाब के IAS बॉडी बिल्डिंग के शौकीन: सुबह 4 बजे जिम में बहाते पसीना, 18 घंटे काम; स्लम एरिया में स्कूल ऑन व्हील लगाया – Ludhiana News

