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एनीमिया की समस्या (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : istock
विस्तार
पंजाब की 15 से 49 वर्ष आयु की 51.7 फीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिया से भी पीड़ित हैं। इन महिलाओं में स्वस्थ रेड ब्लड सेल की कमी है। प्रदेश के लिए यह स्थिति अधिक खतरनाक रूप धारण करती जा रही है, क्योंकि अगर वर्ष 2020-21 की रिपोर्ट की बात की जाए तो उसमें 42 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित पाई गईं थीं। इस तरह प्रदेश में गर्भवती महिलाओं में पहले से भी एनीमिया बढ़ गया है। नीति आयोग की वर्ष 2023-24 की सतत विकास लक्ष्य को लेकर रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में पांच साल तक की आयु के 16.9 प्रतिशत बच्चों का वजन कम है। पहले से इसमें सुधार जरूर हुआ है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। वर्ष 2020-21 की रिपोर्ट में ऐसे बच्चों का प्रतिशत अधिक था। तब यह 19.7 प्रतिशत दर्ज किया गया था। आयोग की रिपोर्ट में जीरो हंगर को लेकर आंकड़ों में यह तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 के तहत 100 प्रतिशत लोगों को कवर किया जा रहा है, बावजूद इसके स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है। पिछली बार इसके तहत 99.20 प्रतिशत लोगों को कवर किया जा रहा था।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र के साथ ही प्रदेश सरकार की तरफ से भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीरी बांटने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों को नमकीन दलिया, मीठा दलिया व मुरमुरे, खिचड़ी आदि भी दी जा रही हैं, ताकि उनको प्रदान किए जाने वाले खाद्य पदार्थों में उचित पोषक तत्व मिल सकें।
पंजाब सरकार ने दिए थे निर्देश
हाल ही में पंजाब सरकार ने निर्देश दिए थे कि मोटे अनाज समेत अन्य पोषक तत्वों वाली डाइट को आंगनबाड़ी केंद्रों में शामिल करना सुनिश्चित किया जाए। केंद्र सरकार की तरफ से भी एनीमिया से निपटने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस), प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण) योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है।
हरियाणा की स्थिति पंजाब से खराब
रिपोर्ट के अनुसार 15 से 49 वर्ष आयु की आयु की गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के मामलों में हरियाणा की स्थिति पंजाब से थोड़ी खराब है। वहां इसका प्रतिशत 56.4 प्रतिशत है, जबकि हिमाचल प्रदेश में ये 42.2 प्रतिशत के साथ कम है।
पंजाब में 61.2 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना मोबाइल
रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की 15 से 49 वर्ष आयु की 61.2 प्रतिशत महिलाओं के पास अपना मोबाइल है, जिसका वह खुद इस्तेमाल करती हैं। लैंगिक समानता को लेकर रिपोर्ट में यह सामने आया है। इसी तरह क्वालिटी एजुकेशन के क्षेत्र में प्रदेश में पहले से सुधार हुआ है। पंजाब में इस वर्ग में कुल 75 स्कोर मिला है, जबकि पिछली बार की रिपोर्ट में प्रदेश का कुल स्कोर सिर्फ 60 था। वर्ष 2030 तक पूरे विश्व का लक्ष्य है कि सभी युवाओं में 100 प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
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पंजाब के लोगों का स्वास्थ्य चिंताजनक: राज्य में 15 से 49 उम्र के 51.7 फीसदी लोग एनीमिया पीड़ित, पढ़ें रिपोर्ट