in

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ‘संस्कृति रत्न’ अलंकरण से सम्मानित: बोले-असहाय की सहायता करना, अशिक्षित को शिक्षा देना ही सच्ची मानव सेवा – Udaipur News Chandigarh News Updates

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ‘संस्कृति रत्न’ अलंकरण से सम्मानित:  बोले-असहाय की सहायता करना, अशिक्षित को शिक्षा देना ही सच्ची मानव सेवा – Udaipur News Chandigarh News Updates

[ad_1]

उदयपुर में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को ‘संस्कृति रत्न’ अलंकरण से सम्मानित करते हुए

पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि असहाय की सहायता करना, अशिक्षित को शिक्षा देना ही सच्ची मानव सेवा है। उन्होंने कर्मों को परिष्कृत करके मानव जीवन को सार्थक बनाने का सभी से आह्वान किया।

.

कटारिया सोमवार दोपहर में उदयपुर के राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान कटारिया को विश्वविद्यालय की और से मनीषी पंडित जनार्दन राय नागर संस्कृति रत्न अलंकरण समर्पण से सम्मानित किया गया। कटारिया को ये अलंकरण उनके भारतीय जीवन मूल्यों, सांस्कृतिक-नैतिक दृढ़ता और सेवा कार्यों के प्रति समर्पण के लिए प्रदान किया गया।

सम्मान के तहत कटारिया को अशोक स्तम्भ, भारत माता स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं एक लाख रुपए की नकद राशि दी गई। कटारिया ने नकद राशि पुनः विद्यापीठ के विकास के लिए भेट कर दी।

कटारिया ने संबोधित करते हुए कहा कि विवि के संस्थापक जनुभाई का व्यक्तित्व आदर्शों की वो किताब है जो हर पीढ़ी का मार्गदर्शन करने का सामर्थ्य रखती है। संस्कार युक्त व्यक्तित्व निर्माण और साक्षर पीढ़ी को स्वरूप दे कर अंतिम को मुख्य धारा से जोड़ने का काम जनुभाई जीवन पर्यंत करते रहे। राष्ट्र भाव और असहाय की सहायता करके हम उनके विचारों को जीवंत बनाए रख सकते है।

उदयपुर में कार्यक्रम के दौरान पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया संबोधित करते हुए

उन्होंने कहा कि पंडित जनार्दन राय नागर कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे। वे शिक्षा जगत में क्रांतिकारी विचारों के वाहक थे। उन्होंने शिक्षा को सेवा का माध्यम बनाया और समाज के वंचित वर्गों तक ज्ञान की रोशनी पहुंचाई। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस विद्यापीठ से शिक्षक, कार्यकर्ता और विद्यार्थी के रूप में जुड़े रहे हैं और यह सम्मान उनके लिए व्यक्तिगत रूप से अत्यंत भावनात्मक है।

विवि के कुलपति कर्नल प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत ने प्रशस्ति पत्र का वाचन करते हुए कहा कि संस्कृति, संस्कार जीवन के शाश्वत मूल्य है। हमारी संस्कृति में भौतिक और आध्यात्मिक का समावेश है, जो समाज के लिए उपयोगी और मार्गदर्शक के रूप में दृष्टिगोचर होती है।

समारोह में विवि के कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर, महावीर कोटा ओपन विवि के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, भाजपा नेता अतुल चण्डालिया, प्रो. रेणु राठौड़, प्रो. सरोज गर्ग, प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, डा.कला मुणेत, डा. पारस जैन, डा.युवराज सिंह राठौड आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ. इंदु बाला आचार्य ने किया।

[ad_2]
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ‘संस्कृति रत्न’ अलंकरण से सम्मानित: बोले-असहाय की सहायता करना, अशिक्षित को शिक्षा देना ही सच्ची मानव सेवा – Udaipur News

संजय कपूर की तरह मुंह में घुस जाए मक्खी-मच्छर तो क्या करें, कैसे बचाएं अपनी जान? Health Updates

संजय कपूर की तरह मुंह में घुस जाए मक्खी-मच्छर तो क्या करें, कैसे बचाएं अपनी जान? Health Updates

Asia is warming at twice the global average: WMO report Today World News

Asia is warming at twice the global average: WMO report Today World News