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पंचकूला सेक्टर-7 पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर ने संगठित अपराध और बैंकिंग धोखाधड़ी के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) खाताधारकों की करोड़ों रुपए की संपत्तियां औने-पौने दा
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शिकायतकर्ता कुलदीप अरोड़ा ने आरोप लगाया कि 18 फरवरी 2023 से 22 अक्टूबर 2024 के बीच आरोपियों ने संगठित तरीके से कर्जदारों को धमकी देकर उनकी संपत्तियां जबरन सस्ते दामों में खरीद लीं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बैंकिंग प्रक्रिया का दुरुपयोग जांच में खुलासा हुआ है कि बैंक अधिकारियों ने आरोपियों को एनपीए खातों की जानकारी दी। इसके बाद आरोपी कर्जदारों को धमकी देकर उनकी संपत्तियां औने-पौने दामों में खरीदने के लिए मजबूर करते थे।
संपत्तियों का मामला जून 2024 में एक बिक्री दस्तावेज के अनुसार, पंचकूला सेक्टर-8 निवासी आरोपी ने 12 करोड़ रुपए की मार्केट वैल्यू वाले शोरूम को मात्र 5.50 करोड़ रुपए में खरीदा। दस्तावेज में एक बैंक अधिकारी बतौर गवाह शामिल था। आरोपियों ने संपत्ति मालिकों को बदनामी का डर दिखाकर उन्हें संपत्तियां बेचने पर मजबूर किया।
सवालों के घेरे में बैंक अधिकारी पुलिस अब आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटा रही है। यह भी शक है कि कई संपत्तियां आरोपियों के नाम पर न होकर उनके सहयोगियों के नाम पर खरीदी गई हैं। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
इस घोटाले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। पुलिस बैंकिंग प्रक्रिया और दस्तावेजों की जांच कर रही है ताकि पूरे घोटाले का खुलासा किया जा सके।
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पंचकूला में बैंक घोटाले का खुलासा: करोड़ों की संपत्तियां औने-पौने दामों में खरीदी, कर्जदारों को धमकी देकर जबरन बेचने पर किया मजबूर – Chandigarh News