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पंचकूला लघु सचिवालय के सभागार में बैठक लेते हुए हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम शुक्ला और अनिल कुमार।
पंचकूला जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए नई पहलों पर कार्य किया जा रहा है। जिनमें चाइल्ड बेगिंग (बाल भिक्षावृत्ति) को समाप्त करना, सिविल अस्पताल और महिला थानों में ‘चाइल्ड फ्रेंडली रूम’ की व्यवस्था शामिल है। हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग क
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आयोग के सदस्यों ने कहा कि हरियाणा सरकार बाल श्रम के प्रति संवेदनशील है और बाल श्रम की रोकथाम के साथ-साथ प्रभावित बच्चों के पुनर्वास के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
पंचकूला लघु सचिवालय के सभागार में टास्क फोर्स मीटिंग में मौजूद अधिकारी।
हर जिले में हो रही समीक्षा
हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा प्रत्येक जिले में जाकर जिला टास्क फोर्स की गतिविधियों की व्यापक समीक्षा की जा रही है, ताकि प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाकर पूरे देश में एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त करने के लिए उन व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई आवश्यक है, जो बच्चों को मजबूर करते हैं।
2 एडवोकेट होंगे टॉस्क फोर्स में शामिल
उन्होंने यह भी कहा कि बाल श्रम से संबंधित मामलों में छापेमारी के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के 2 अधिवक्ताओं को टास्क फोर्स में शामिल किया जाए, ताकि एफआईआर में सभी तथ्यों को सटीक और प्रभावी रूप से दर्ज किया जा सके। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों द्वारा रेस्क्यू किए गए बच्चों का चिकित्सीय परीक्षण करवाने के बाद ही उन्हें बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
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पंचकूला के अस्पताल और थानों में बनेंगे चाइल्ड फ्रैंडली रूम: भिक्षावृत्ति खत्म करने के लिए पहल, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की बैठक – Panchkula News

