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न्यूजीलैंड में सिख संगत के नगर कीर्तन का विरोध करते न्यूजीलैंड के लोगों का एक गुट और उनकी अगुआई करने वाला ब्रायन टमाकी।
न्यूजीलैंड में सिखों के नगर कीर्तन का रास्ता रोकने के बाद पंजाब में आक्रोश फैला हुआ है। पंजाब में इसका विरोध हो रहा है। जिसके बाद नगर कीर्तन का विरोध करने वाले गुट के नेता ब्रायन टमाकी सामने आए हैं। टमाकी ने इस हंगामे के बाद विरोध करने की वजह बताई।
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टमाकी ने कहा कि हमें न्यूजीलैंड की सड़कों पर खालिस्तानी झंडे लहराने पर आपत्ति है। हम जानते हैं कि खालिस्तानी सिख नहीं हैं। भारत ने इनको आतंकवादी घोषित कर रखा है। अब ये हमारी धरती का यूज कर रहे हैं। हमें सिखों से आपत्ति नहीं हैं, लेकिन हम न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड रहने देना चाहते हैं। यहां के स्थानीय सभ्याचार को इनसे खतरा पैदा हो गया है।
हालांकि इस विरोध को लेकर पंजाब से भी तीखे रिएक्शन आए। CM भगवंत मान से लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने भी इसे निंदनीय करार दिया। उन्होंने केंद्र और न्यूजीलैंड सरकार इसमें दखल देने की मांग की। केंद्र से भी राजदूत को तलब करने की मांग की।
बता दें कि शनिवार को न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के उपनगर मनुरेवा में नगर कीर्तन का विरोध किया गया। लोकल लोगों का एक ग्रुप ने नगर कीर्तन को गुरुद्वारे जाने से रोक दिया। नगर कीर्तन के आगे हाका नृत्य किया। इस दौरान सिखों ने पूरा संयम रखा। इसके बाद न्यूजीलैंड पुलिस ने विरोध करने वालों को वहां से हटा दिया।
न्यूजीलैंड पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को शांत कराया।
नगर कीर्तन के विरोध को लेकर ब्रायन टमाकी ने क्या-क्या कहा…
- सिख आबादी 50 हजार से ज्यादा, हमें कल्चर की चिंता: न्यूजीलैंड में दिसंबर 2023 तक 2025 में 1 लाख 26 हजार प्रवासी पहुंचे। न्यूजीलैंड में सिख आबादी 50 हजार से अधिक है। जिसका एक बड़ा हिस्सा दक्षिण ऑकलैंड के मनुरेवा और ताकानीनी में रहता है। ये न्यूजीलैंड की पापुलेशन का 5 फीसदी है। हमें कल्चर की चिंता है। एक विचारधारा के देश में कई विचारधाराएं पैदा हो गई हैं।
- देश का ध्रुवीकरण हो रहा, न हिंसा, न दंगा हुआ: टमाकी ने कहा कि हमारे देश में ध्रुवीकरण हो रहा है। हमारा विरोध का आंदोलन हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। न कोई हिंसा हुई,न ही कोई दंगा। बस मेरे युवाओं ने आमने-सामने होकर ‘हाका’ प्रस्तुत किया ताकि एक साफ संदेश दिया जा सके कि न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड ही रहने दें।
- सड़कें घंटों बंद रखीं, तलवारें-खंजर लहराए: टमाकी ने आगे कहा- जहां एक तरफ सिखों और खालिस्तानी तत्वों ने मनुरेवा के कुछ हिस्सों को घंटों तक बंद रखा। वहीं यहां तलवारें और खंजर लहराए गए। प्रवासी और चरमपंथी झंडे फहराए गए। ये हमें पसंद नहीं है। हमने अपने देश की सरकार को याद दिलाया कि ये यहां के लोगों की सड़कें हैं। यह हमारी जमीन है। हाका कोई नफरत नहीं है।

जानिए कैसे हुई नगर कीर्तन के विरोध की तैयारी…
- न्यूजीलैंड के डेस्टिनी चर्च के टमाकी ने पोस्ट की: चार साहिबजादों का शहीदी दिहाड़ा मनाने को लेकर न्यूजीलैंड की सिख जत्थेबंदियां तैयारियां कर रही थीं। इसे लेकर कुछ जगह पर नगर कीर्तन निकाले जा चुके थे। जब मनुरेवा में नगर कीर्तन की बारी आई तो इससे ठीक पहले द फ्रीडम्स एंड राइट्स कोएलिशन के संस्थापक टमाकी ने एक पोस्ट की। टमाकी की ये संस्था न्यूजीलैंड में धर्म, परिवार और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करती है।
- सड़कों-देश पर कब्जा नहीं करने देंगे: टमाकी ने लिखा- बस बहुत हुआ दोस्तों, हम इन घुसपैठियों को अपनी सड़कों, कस्बों, शहरों और देश पर इस तरह कब्जा नहीं करने दे सकते। लक्सन, सेमोर और पीटर्स ने यह सब होने दिया और इसे रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया। अब हम देश की जनता अपने देश और अपनी संसद को वापस लेंगे। अब बड़े बदलाव का समय आ गया है। इस पोस्ट के बाद न्यूजीलैंड के स्थानीय लोग भी टमाकी के पक्ष में उतर आए और नगर कीर्तन के विरोध का प्लान बनाया।
- सिखों को खालिस्तान से जोड़कर भड़काऊ बातें कहीं: टमाकी ने विरोध से पहले की एक और पोस्ट में लिखा कि आज ऑकलैंड में खुलेआम आतंकवादी खालिस्तानी झंडे लहराए गए। खालिस्तान एक आतंकवादी संगठन है न कि सिख धर्म है। भारत में खालिस्तानियों को आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है। इसलिए एक सवाल है जो हर कीवी (न्यूजीलैंड निवासी) को पूछना चाहिए कि न्यूजीलैंड ने कब से विदेशी आतंकवादी आंदोलनों को हमारी सड़कों पर खुलेआम परेड करने की अनुमति दे दी है? यदि यह आतंकवाद से जुड़ा कोई अन्य विदेशी मुद्दा होता तो प्रतिक्रिया तत्काल होती, लेकिन इसके बजाय चुप्पी क्यों है? एक राष्ट्र, एक धर्म के लोग, एक कानून, एक वोट, एक झंडा, एक ईश्वर के देश में विदेशी आतंकवादी आंदोलनों के लिए कोई जगह नहीं है।
- न्यूजीलैंड में मल्टीकलचर की बहस से विरोध को हवा मिली: टमाकी ने कहा कि प्रवासियों की न्यूजीलैंड में जनसंख्या बढ़ती जा रही है। इससे न्यूजीलैंड के कल्चर को खतरा पैदा हो गया है। यहां की संस्कृति खतरे में है। ये एक धर्म के लोगों का देश है, लेकिन यहां कई धर्म आ गए हैं जो अपने तौर पर अपने-अपने रीति-रिवाजों को सेलिब्रेट कर रहे हैं। टमाकी ने न्यूजीलैंड सरकार को कहा कि वह सोई हुई है। हमारे देश में कई विचारधाराएं जन्म ले रही हैं। इनको रोकना चाहिए। हमने सरकार को जगाने के लिए भी शांतिपूर्ण विरोध का रास्ता अपनाया है। वक्त आ गया है अब सरकार और स्थानीय प्रशासन को जागता चाहिए और तेजी से बढ़ रही प्रवासियों की जनसंख्या पर रोक लगनी चाहिए।
ब्रायन टमाकी की सोशल मीडिया पोस्ट…


नगर कीर्तन के विरोध पर पंजाब में किसने क्या कहा-
CM बोले-हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने का हक पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने का हक है। न्यूजीलैंड डेवलप्ड कंट्री है, इस तरह का वहां पहले कभी नहीं सुना था। केंद्र सरकार को न्यूजीलैंड सरकार से बात करनी चाहिए।
एंटी इमिग्रेशन पूरी दुनिया में चला हुआ है। हमारी कौम सरबत का भला मांगने वाली कौम है। CM ने आगे कहा- बाहर कोई ऐसी घटनाएं होती हैं तो उसमें भी हमारा नाम लग जाता है। केंद्र सरकार को राजदूत को बुलाकर इस पर सख्त एतराज जताना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि हमारे नागरिक शांति पसंद हैं। उनका न्यूजीलैंड के विकास में बहुत योगदान है।

पंजाब सीएम भगवंत मान ने मामले में केंद्र सरकार को एक्शन लेने को कहा।
ज्ञानी गड़गज बोले- ये घटना सिख समुदाय और भाईचारे के लिए गंभीर चुनौती श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि ये घटना सिख समुदाय और भाईचारे के लिए गंभीर चुनौती है। जत्थेदार ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने जानबूझकर नफरत फैलाने की कोशिश की जिनकी अगुआई एक विवादित व्यक्ति ने की। उन्होंने न्यूजीलैंड सरकार से अपील की कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखा जाए।

अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने घटना को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया।
सुखबीर बादल बोले- प्रवासी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में नगर कीर्तन को रोकने और बाधित करने पर कहा कि ये धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने कहा कि मैं सिख संगत के संयम की सराहना करता हूं। साथ ही भारत सरकार से इस मामले को न्यूजीलैंड सरकार के साथ उठाने की अपील करता हूं। प्रवासी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
करनैल सिंह पीर मोहम्मद बोले- नगर कीर्तन की मर्यादा में खलल डाल गलत शिरोमणि अकाली दल (पुनर सुरजीत) के मुख्य प्रवक्ता करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन की मर्यादा में खलल डालने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है, जिसे बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। नगर कीर्तन हमारी धार्मिक आस्था और ‘सरबत दा भला’ (सबके भले) का प्रतीक है। न्यूजीलैंड जैसे देश में, जहां सिख समुदाय ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से बड़ा नाम कमाया है, वहां नगर कीर्तन के दौरान किसी भी तरह का टकराव या मर्यादा को ठेस पहुंचाना बहुत ही दुखद है। ************** ये खबर भी पढ़ें…
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न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन का विरोध क्यों हुआ: विरोधी गुट का नेता बोला- सड़कें बंद कीं, तलवारें-खालिस्तानी झंडे लहराए; पंजाब में आक्रोश फैला – Jalandhar News

