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वेलिंग्टन15 घंटे पहले
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फोटो 12 अक्टूबर 2015 का है, जब वे लू अपनी साथी के साथ लंदन के साउथवार्क क्राउन कोर्ट पहुंचे थे।
न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर लू विंसेंट ने कहा है कि वे भारत में फिक्सिंग की दुनिया में दाखिल हुए और उन्हें फंसाया गया। पूर्व बल्लेबाज ने बताया कि इंडियन क्रिकेट लीग में खेलने के दौरान वे कैसे मैच फिक्सिंग की दुनिया में आ गए थे। उन्होंने बताया कि उस समय एक गिरोह का हिस्सा होने से उन्हें अपनेपन का एहसास हुआ, क्योंकि वे अवसाद से जूझ रहे थे।
46 साल के विंसेंट को 2014 में ECB ने मैच फिक्सिंग के लिए 11 बार आजीवन प्रतिबंध लगाया था, हालांकि पिछले साल प्रतिबंध को संशोधित कर उन्हें घरेलू क्रिकेट में शामिल होने की अनुमति दे दी गई।
विंसेंट ने 2000 के दशक में ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में शतक लगाकर अपने करियर की शुरुआत की थी। डिप्रेशन और मैच फिक्सिंग में शामिल होने के कारण उनका इंटरनेशनल करियर 29 साल की उम्र में समय से पहले ही समाप्त हो गया था।
द टेलीग्राफ को दिए विंसेंट के इंटरव्यू के कुछ अंश…
विसेंट की बात…
मेरे अंदर प्रोफेशनल खिलाड़ी बनने की मानसिक क्षमता नहीं थी, इसलिए मैं 28 साल की उम्र में डिप्रेशन में चला गया। फिर मैं भारत चला गया और वहां मुझे फिक्सिंग की दुनिया में घसीटा गया। मैं खुद को गैंग का हिस्सा समझता था।
एक ICL (इंडियन क्रिकेट लीग) मैच के दौरान विंसेंट। उन्होंने इंटरव्यू में इसी लीग की बात की।
विंसेंट की मुख्य बातें…
- मुझे लगा रहा था कि मैं किसी गिरोह का हिस्सा हूं। इससे मुझे बेहतर महसूस हुआ, क्योंकि मैं सोच रहा था कि मैं एक मैच-फिक्सिंग गिरोह का हिस्सा हूं। मैं ऐसे लोगों के साथ हूं जो मेरा साथ देंगे और कोई भी हमारे सीक्रेट नहीं जानता था। मुझे लगता है कि ज्यादातर बाइक गिरोह युवा बच्चों के साथ इसी तरह काम करते हैं। हां, वे युवाओं से इस तरह से तैयार करते हैं कि हम तुम्हारा ख्याल रखेंगे। लेकिन, तुम उस कार को दुकान में ले जाओ और उसे तोड़ दो।’
- मैंने 12 साल की उम्र से ही खुद को बड़ा किया है, इसलिए मैं हमेशा अपने आस-पास के लोगों के लिए काफी लचीला था। क्योंकि मैं प्यार पाना चाहता था, इसलिए आप आसानी से गुमराह हो जाते हैं। इसने मेरे पेशेवर करियर में सिर्फ पसंद किए जाने की चाहत, प्यार पाने की चाहत को साझा करने में बहुत बड़ा योगदान दिया।
2014 में लगा था लाइफ टाइम बैन ECB ने 2014 में विंसेंट पर लाइफ टाइम बैन लगाया था। उसी साल फरवरी में विंसेंट ने कहा था कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) के दौरान बुकीज ने उनसे संपर्क किया। हालांकि, तब उन्होंने मैच फिक्सिंग की बात नहीं स्वीकार थी। उन पर दिसंबर 2013 में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे।
एक बार उन्होंने कहा था- ‘माई नेम इज लू विंसेंट एंड आई एम ए चीट’। विंसेंट ने आगे कहा कि मैंने अपने पोजीशन का गलत इस्तेमाल किया और मैच फिक्सिंग के लिए पैसा लिया।
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