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Champions Trophy 2025 Final: बुधवार को हुए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है. अब खिताबी मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच (India vs New Zealand Final) रविवार, 9 मार्च को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. इस मुकाबले में भारत एक मजबूत दावेदार है. चलिए आपको बताते हैं कि क्योंकि ज्यादा संभावनाएं हैं कि रोहित शर्मा एंड टीम फाइनल में न्यूजीलैंड को धूल चटा ही देगी और खिताब अपने नाम करेगी.

8 टीमों के साथ शुरू हुए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत और न्यूजीलैंड एक ही ग्रुप में थी. दोनों के बीच 2 मार्च को एक भिड़ंत हुई थी, इसमें टीम इंडिया ने बाजी मारी थी. हालांकि उससे पहले ही दोनों टीमें सेमीफाइनल में अपनी जगह कन्फर्म कर चुकी थी. उस मैच को छोड़ भी दें तो 3 बड़े कारण हैं, जो बताते हैं कि क्यों 9 मार्च को खिताब उठाने के लिए टीम इंडिया मजबूत दावेदार है.
हेड टू हेड में भारत का रिकॉर्ड अच्छा
न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे क्रिकेट में भारत का रिकॉर्ड अच्छा है. भारत बनाम न्यूजीलैंड, वनडे में अभी तक कुल 119 मैच खेले गए हैं. इसमें से 61 मैचों में भारत ने जीत दर्ज की है जबकि 50 मैच न्यूजीलैंड जीता है. इन दोनों के बीच हुए पिछले 20 मुकाबलों को भी देखें तो इनमें से 12 मैच भारत ने जीते हैं. 6 मैच न्यूजीलैंड ने जीते हैं और 2 बेनतीजा रहे.
दुबई की पिच पर स्पिनर्स को मदद, भारत इसमें भी मजबूत
रोहित शर्मा एंड टीम की अभी तक हुए मैचों में जीत की बड़ी वजह उसकी गेंदबाजी रही है. भारत पहले 2 तेज गेंदबाजों के साथ खेल रहा था लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ उसने 4 स्पिनर्स खिलाए. सेमीफाइनल में भी उसी प्लेइंग 11 के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी.
न्यूजीलैंड के पास कप्तान मिशेल सेंटनर के रूप में एक स्पिनर गेंदबाज हैं. रचिन रविंद्र और ग्लेन फिलिप्स को पार्ट टाइमर कहना गलत नहीं होगा. दुबई की पिचों पर स्पिनर्स के लिए काफी मदद है. इस क्षेत्र में भारत मजबूत है, जो मैच के नतीजे पर बड़ा असर डालेगी.
दुबई में भारत का अनुभव ज्यादा
न्यूजीलैंड ने ग्रुप स्टेज के 2 मैच पाकिस्तान में जीते, जिसके बाद भारत के खिलाफ खेलने के लिए उसे दुबई आना पड़ा. दुबई में भारत ने उसे शिकस्त दी. इसके बाद सेमीफाइनल भी न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान में ही जीता. दरअसल पाकिस्तान की पिचों पर शॉट खेलना दुबई की तुलना में आसान होता है. बेशक विलियमसन और रचिन रविंद्र ने गद्दाफी स्टेडियम में शतक लगाया लेकिन दुबई में इस अप्रोच के साथ बड़ी पारी नहीं खेली जा सकती.
विराट कोहली ने सेमीफाइनल में 84 रन बनाए तो सिर्फ 5 चौके इसमें लगाए, क्योंकि उन्हें अब इस ग्राउंड और पिचों का बर्ताव अच्छे से समझ आने लगा है. डेरिल मिशेल, ग्लेन फिलिप्स जैसे फिस्फोटक बल्लेबाजों का दुबई जैसी स्लो पिचों पर चलना मुश्किल होगा. ऐसे में भारत की बल्लेबाजी यहां अधिक मजबूत नजर आ रही है.
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