आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में कंपनी के काम को बंद करवाते हुए किसान।
हरियाणा के नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने शुक्रवार को कंपनी द्वारा काम करने के लिए भेजी लेबर को वापस लौटाया। लेबर द्वारा काम करने के लिए लाए पोपलैं
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किसानों द्वारा रोका गया पाईपों से भरा कैंटर।
23 अगस्त तक काम बंद करने का हुआ था निर्णय
किसान कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद पूर्व सरपंच मेहरोला, पूर्व सरपंच मोहम्मद एसपी, मुबारिक, इरशाद आदि ने कहा कि 13 अगस्त हुई महापंचायत के बाद जिला प्रशासन व एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ हुई वार्तालाप में 23 अगस्त को चंडीगढ़ या दिल्ली में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के बैठक होने और 23 अगस्त तक आईएमटी रोजकामेव का काम बंद करने का निर्णय हुआ, लेकिन शुक्रवार दोपहर बाद कंपनी की ओर से काम शुरू कराया जा रहा था।
मौके पर बंद खड़ी जेसीबी।
लंबे समय से मुआवजे की मांग पर धरने पर बैठे किसान
इस बारे में पता चला तो मौके पर पहुंचे काम को रुकवा गया। साथ ही चेतावनी दी कि 23 अगस्त तक आईएमटी रोजकामेव में कोई काम नहीं चलेगा। किसान लंबे समय से अपने मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। कई महापंचायत भी बुलाई गई। 13 अगस्त को किसानों ने अपनी ताकत दिखाते हुए काम बंद कराया। उन्होंने कहा कि जब तक 9 गांवों के किसानों की 1600 एकड़ भूमि के मुआवजे की 750 करोड़ राशि नहीं दी जाएगी, यह धरना व संघर्ष जारी रहेगा।