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जापानी ऑटो मेकर निसान और होंडा के बीच होने वाली डील अब नहीं होगी। दोनों कंपनियों ने इसे आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। पिछले साल 23 दिसंबर को होंडा और निसान ने मर्जर के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी MOU साइन किया था।
अगर यह डील होती तो दोनों को मिलाकर 60 बिलियन डॉलर (मौजूदा वैल्यू- करीब 5.21 लाख करोड़ रुपए) वैल्यू का ग्रुप बनता। जो टोयोटा, वोक्सवैगन और हुंडई के बाद व्हीकल सेल के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ग्रुप होता।
होंडा निसान को अपनी सहायक कंपनी बनाना चाहती थी
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डील के पीछे हटने का पहला फैसला निसान ने ही लिया क्योंकि होंडा चाहती थी कि निसान उसकी सहायक कंपनी बन जाए। इसके चलते दोनों के बीच मतभेद बढ़ा जिसके चलते आगे की बातचीत मुश्किल हो गई। इस डील का एक अन्य पार्टनर मित्सुबिशी मोटर्स ने विलय पर विचार करने की बात कही थी।
कंपनियों ने डील का फैसला क्यों किया था?
चीनी और अमेरिकी मार्केट में सेल्स और प्रॉफिट में गिरावट चलते कंपनियों को अपने वर्कफोर्स और प्रोडक्शन कैपेसिटी में कटौती करनी पड़ रही थी। पिछले कुछ समय से कंपनियों के मुनाफे में भी करीब 70% तक की गिरावट रही। दोनों बड़े मार्केट में हिस्सेदारी कम होना कंपनियों के साथ आने की मुख्य वजह मानी जा रही थी।
तीनों कंपनियों ने एक बयान में कहा कि हम इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिफाइड व्हीकल के जमाने में स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के जरिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे। निसान और होंडा ने अपने इंडस्ट्री और मेजर चायनीज मार्केट में BYD जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स का तेज ग्रोथ और इससे अपने मार्केट को प्रभावित होते हुए देखा है। इसके अलावा दोनों को अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने का डर है।
निसान 9,000 नौकरियां और 20% कैपेसिटी कम करेगी
डील के आगे नहीं बढ़ने के बाद निसान नवंबर में ऐलान किए गए अपने रिस्ट्रक्चरिंग प्लान पर फोकस कर रही है। जिसके तहत कंपनी 9,000 जॉब्स कट करेगी और ग्लोबल मार्केट से अपने 20% कैपेसिटी कम करेगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, निसान को चीन में अपनी कैपेसिटी कम करनी होगी। कंपनी यहां डोंगफेंग मोटर के साथ अपने जॉइंट वेंचर के माध्यम से आठ कारखानों का संचालन करती है। कंपनी के ऑपरेशन को सहज बनाने के लिए निसान ने पहले ही अपने चांगझौ प्लांट में प्रोडक्शन बंद कर दिया है।
निसान का शेयर गिरा, होंडा में 2% की तेजी रही
डील टूटने की खबर के बाद निसान मोटर के शेयर में 0.34% की गिरावट रही। जबकि, होंडा मोटर का शेयर 2.14% ऊपर 1,434 के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले 17 दिसंबर को विलय की बातचीत की पहली बार रिपोर्ट आने के बाद दिसंबर के अंत में निसान के शेयरों में 60% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई और होंडा के शेयरों में लगभग 26% की तेजी आई। हालांकि बाद मे गिरकर यह निसान के लिए यह लाभ 21% और होंडा के लिए 11% रह गया है।
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जापानी कार मेकर्स होंडा और निसान ने मर्जर के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी MOU साइन किया है। कंपनियों के बीच सोमवार (23 दिसंबर) को पहले फेज की बातचीत हुई। कंपनियों ने ऑफिशियल स्टेटमेंट में इस बात की जानकारी दी है।
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निसान और होंडा के बीच नहीं होगी डील: वजह- होंडा निसान को अपनी सहायक कंपनी बनाना चाहती थी, ₹5.21 लाख करोड़ का बनना था ग्रुप