नियमित भर्ती जल्द शुरू हो, आयु में दो साल की छूट दी जाए


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जींद। अग्निपथ योजना के विरोध में शुक्रवार को किसान संगठनों व स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने यहां लघु सचिवालय के बाहर ग्रीन बेल्ट में धरना दिया। यहां से लोग प्रदर्शन करते हुए डीसी ऑफिस तक पहुंचे और नगराधीश अमित कुमार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अग्निपथ योजना को रद्द करने, सेना में नियमित भर्ती जल्द शुरू करने, दो साल से भर्ती नहीं होने के कारण युवाओं को आयु में दो साल की छूट देने, युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई। किसान संगठनों ने फैसला लिया कि 27 जून को भिवानी जिले के गांव तालु से जींद के लजवाना कलां तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। धरने की अध्यक्षता किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद, भाकियू के जिला प्रधान बारूराम, बबलू मिर्चपुर, मजदूर नेता सुरेश करसोला, किसान नेता प्रिंयका ने की।
प्रदर्शन से पहले धरने को संबोधित करते हुए कामरेड रमेश चंद्र, आजाद पालवां, खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान, ओम सांगवान ने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसे तुरंत वापस लेकर पुरानी भर्ती नीति के तहत युवाओं को नौकरी दी जाए। दो साल से सेना में भर्ती बंद होने के कारण काफी युवाओं की आयु निकल चुकी है, ऐसे में इनको दो वर्ष आयु में छूट दी जाए।
एसएफआई के अक्षय, सुनील बद्दोवाल, हिमांशु, पूर्व सरपंच कविता, राजेंद्र बरसोला, राजकुमार देशवाल ने कहा कि पहले ही दबे आक्रोश को अग्निपथ योजना ने चिंगारी दिखाने का काम किया है। इस योजना से युवाओं के साथ-साथ देश की सुरक्षा को भी खतरा है। भाकियू के महासचिव रामफल कंडेला, किसान नेता सिक्कम नैन, सुदेश कंडेला, रामराजी ढुल, राजेश ढुल ने कहा कि सेना में प्रतिवर्ष 60 हजार पद खाली होते हैं लेकिन इसके विपरीत भर्ती नहीं हो रही। इस समय सेना में पौने दो लाख के आसपास पद खाली हो चुके हैं लेकिन भर्ती नहीं होने के कारण देश की सुरक्षा कमजोर हो रही है। सरकार को चाहिए कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए। इसके अलवा जनो नियमित भर्ती प्रक्रिया फाइनल हो चुकी है, उसकी सूची जारी की जाए। अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जिन युवाओं पर मामले दर्ज हैं, उनको तुरंत खारिज किया जाए और जो युवा जेलों में बंद हैं, उनको रिहा किया जाए। किसी भी भर्ती में आवेदकों से हल्फनामा लेने की शर्त नहीं रखी जाए।
पूर्व सैनिकों ने बनाई प्रदर्शन से दूरी
21 जून को जाट धर्मशाला में विभिन्न खापों व किसान संगठनों के अलावा पूर्व सैनिकों ने महापंचायत कर 24 जून को ज्ञापन देने का कार्यक्रम बनाया था। शुक्रवार को इस प्रदर्शन कार्यक्रम में किसान संगठनों से जुड़े खाप प्रतिनिधियों ने ही भाग लिया। इसे अलावा प्रदर्शन में कोई पूर्व सैनिक दिखाई नहीं दिया, जबकि महापंचायत में काफी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे। अब 27 जून को गांव तालू से लजवाना कलां तक होने वाले पैदल मार्च पर सभी की नजर टिकी हैं। इस पैदल मार्च के बाद पता चल पाएगा कि इस आंदोलन में कौन-कौन से संगठन एकजुट होते हैं तथा कौन-कौन से संगठन इससे अलग रहेंगे।
पांच हजार युवाओं के पहुंचने का किया गया था दावा
प्रदर्शन को लेकर पहले जाट धर्मशाला में वक्ताओं ने पांच हजार लोगों व युवाओं के पहुंचने का दावा किया था लेकिन शुक्रवार के प्रदर्शन में एक भी युवा नहीं था। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सतबीर पहलवान ने कहा कि उन्होंने खुद ही युवाओं को इस प्रकार के प्रदर्शन में भाग लेने से मना किया था। जब युवाओं की आंदोलन में जरूरत पड़ेगी तो युवा भी आंदोलन में भाग लेंगे।

जींद। अग्निपथ योजना के विरोध में शुक्रवार को किसान संगठनों व स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने यहां लघु सचिवालय के बाहर ग्रीन बेल्ट में धरना दिया। यहां से लोग प्रदर्शन करते हुए डीसी ऑफिस तक पहुंचे और नगराधीश अमित कुमार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अग्निपथ योजना को रद्द करने, सेना में नियमित भर्ती जल्द शुरू करने, दो साल से भर्ती नहीं होने के कारण युवाओं को आयु में दो साल की छूट देने, युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई। किसान संगठनों ने फैसला लिया कि 27 जून को भिवानी जिले के गांव तालु से जींद के लजवाना कलां तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। धरने की अध्यक्षता किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद, भाकियू के जिला प्रधान बारूराम, बबलू मिर्चपुर, मजदूर नेता सुरेश करसोला, किसान नेता प्रिंयका ने की।

प्रदर्शन से पहले धरने को संबोधित करते हुए कामरेड रमेश चंद्र, आजाद पालवां, खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान, ओम सांगवान ने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसे तुरंत वापस लेकर पुरानी भर्ती नीति के तहत युवाओं को नौकरी दी जाए। दो साल से सेना में भर्ती बंद होने के कारण काफी युवाओं की आयु निकल चुकी है, ऐसे में इनको दो वर्ष आयु में छूट दी जाए।

एसएफआई के अक्षय, सुनील बद्दोवाल, हिमांशु, पूर्व सरपंच कविता, राजेंद्र बरसोला, राजकुमार देशवाल ने कहा कि पहले ही दबे आक्रोश को अग्निपथ योजना ने चिंगारी दिखाने का काम किया है। इस योजना से युवाओं के साथ-साथ देश की सुरक्षा को भी खतरा है। भाकियू के महासचिव रामफल कंडेला, किसान नेता सिक्कम नैन, सुदेश कंडेला, रामराजी ढुल, राजेश ढुल ने कहा कि सेना में प्रतिवर्ष 60 हजार पद खाली होते हैं लेकिन इसके विपरीत भर्ती नहीं हो रही। इस समय सेना में पौने दो लाख के आसपास पद खाली हो चुके हैं लेकिन भर्ती नहीं होने के कारण देश की सुरक्षा कमजोर हो रही है। सरकार को चाहिए कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया को तुरंत शुरू किया जाए। इसके अलवा जनो नियमित भर्ती प्रक्रिया फाइनल हो चुकी है, उसकी सूची जारी की जाए। अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जिन युवाओं पर मामले दर्ज हैं, उनको तुरंत खारिज किया जाए और जो युवा जेलों में बंद हैं, उनको रिहा किया जाए। किसी भी भर्ती में आवेदकों से हल्फनामा लेने की शर्त नहीं रखी जाए।

पूर्व सैनिकों ने बनाई प्रदर्शन से दूरी

21 जून को जाट धर्मशाला में विभिन्न खापों व किसान संगठनों के अलावा पूर्व सैनिकों ने महापंचायत कर 24 जून को ज्ञापन देने का कार्यक्रम बनाया था। शुक्रवार को इस प्रदर्शन कार्यक्रम में किसान संगठनों से जुड़े खाप प्रतिनिधियों ने ही भाग लिया। इसे अलावा प्रदर्शन में कोई पूर्व सैनिक दिखाई नहीं दिया, जबकि महापंचायत में काफी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे। अब 27 जून को गांव तालू से लजवाना कलां तक होने वाले पैदल मार्च पर सभी की नजर टिकी हैं। इस पैदल मार्च के बाद पता चल पाएगा कि इस आंदोलन में कौन-कौन से संगठन एकजुट होते हैं तथा कौन-कौन से संगठन इससे अलग रहेंगे।

पांच हजार युवाओं के पहुंचने का किया गया था दावा

प्रदर्शन को लेकर पहले जाट धर्मशाला में वक्ताओं ने पांच हजार लोगों व युवाओं के पहुंचने का दावा किया था लेकिन शुक्रवार के प्रदर्शन में एक भी युवा नहीं था। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य सतबीर पहलवान ने कहा कि उन्होंने खुद ही युवाओं को इस प्रकार के प्रदर्शन में भाग लेने से मना किया था। जब युवाओं की आंदोलन में जरूरत पड़ेगी तो युवा भी आंदोलन में भाग लेंगे।

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