निगम ने ओमैक्स सिटी की देखरेख का जिम्मा लेने की तैयारी शुरू की


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नीरज वर्मा
रोहतक। ओमैक्स सिटी को मेंटेनेंस (देखरेख) के लिए लेने की दिशा में नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत आरएफपी (रेडी फॉर प्रपोजल) के लिए सात कंपनियों ने आवेदन किया है। मंगलवार तक एक कंपनी को चुनकर निगम ओमैक्स सिटी की खामियों को चिह्नित करवाकर एस्टीमेट तैयार कराएगी। खामियां दूर होने के बाद निगम ओमैक्स सिटी की देखरेख शुरू कर देगा। सब कुछ सही रहा तो यह काम चार-पांच माह में हो जाएगा।
ओमैक्स सिटी के लोगों का काफी समय से आरोप है कि जिंदगीभर की कमाई से अपना घर बनाया है। जिस समय घर लिया था, तभी बिल्डर ने तमाम सुविधाओं के सब्जबाग दिखाए थे। यहां रहने के बाद पता चला कि मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सीवरेज का गंदा पानी नजदीक खुले मैदान में बहाया जा रहा है। जिस पानी की सप्लाई की जा रही है, उसमें फ्लोराइड अत्यधिक होने की वजह से पीने योग्य नहीं है। मजबूरन लोगों को पीने का पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। सड़कें टूटी हुई हैं, जिससे काफी असुविधा हो रही है। साफ-सफाई की व्यवस्था रामभरोसे है। परेशान लोगों ने राहत की फरियाद प्रशासन से लेकर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज तक से की। लोगों ने मांग करते हुए कहा कि ओमैक्स सिटी को नगर निगम प्रशासन देखे ताकि मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो सके। 13 मई को रोहतक में ग्रीवांस कमेटी की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अनिल विज ने की। उनके सामने भी लोगों ने कई समस्याएं उठाते हुए साफ-सफाई नगर निगम की तरफ से नहीं कराने का आरोप लगाया। इस पर निगम के संयुक्त आयुक्त महेश कुमार ने बताया कि निगम ने करीब एक साल पहले तीन माह के लिए ओमैक्स सिटी की साफ-सफाई कराई थी मगर उनका निगम को भुगतान नहीं किया गया। इस वजह से निगम ने साफ सफाई कराना बंद कर दिया। निगम प्रशासन ने ओमैक्स सिटी को देखरेख के लिए लेने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री को दिए गए भरोसे के तहत निगम प्रशासन ने आरएफपी के लिए आवेदन आमंत्रित किए, जिसमें सात कंपनियों ने आवेदन किया है। मंगलवार तक एक कंपनी को चुनकर ओमैक्स सिटी की खामियों की सूची बनवाई जाएगी। खामियों को दूर करने के लिए फाइनेंशियल विड (एस्टीमेट) तैयार होगी। खामियों को दूर कराने के बाद निगम प्रशासन ओमैक्स सिटी की देखरेख का जिम्मा लेगा। निगम का मानना है कि चार से पांच माह में निगम ओमैक्स सिटी की देखरेख शुरू कर देगा।
वर्जन –
नगर निगम ने ओमैक्स सिटी के मेंटेनेंस के लिए आरएफपी के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें सात कंपनियों के आवेदन आए हैं। एक कंपनी को चिह्नित करके खामियों को दूर करने के लिए एस्टीमेट बनाना होगा। खामियां दूर होने के साथ ही निगम मेंटेनेंस शुरू कर देगा। सब कुछ सही रहा तो चार-पांच माह में काम पूरा हो जाएगा।
– मनजीत दहिया, अधिशासी अभियंता हेडक्वार्टर नगर निगम

नीरज वर्मा

रोहतक। ओमैक्स सिटी को मेंटेनेंस (देखरेख) के लिए लेने की दिशा में नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत आरएफपी (रेडी फॉर प्रपोजल) के लिए सात कंपनियों ने आवेदन किया है। मंगलवार तक एक कंपनी को चुनकर निगम ओमैक्स सिटी की खामियों को चिह्नित करवाकर एस्टीमेट तैयार कराएगी। खामियां दूर होने के बाद निगम ओमैक्स सिटी की देखरेख शुरू कर देगा। सब कुछ सही रहा तो यह काम चार-पांच माह में हो जाएगा।

ओमैक्स सिटी के लोगों का काफी समय से आरोप है कि जिंदगीभर की कमाई से अपना घर बनाया है। जिस समय घर लिया था, तभी बिल्डर ने तमाम सुविधाओं के सब्जबाग दिखाए थे। यहां रहने के बाद पता चला कि मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। सीवरेज का गंदा पानी नजदीक खुले मैदान में बहाया जा रहा है। जिस पानी की सप्लाई की जा रही है, उसमें फ्लोराइड अत्यधिक होने की वजह से पीने योग्य नहीं है। मजबूरन लोगों को पीने का पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। सड़कें टूटी हुई हैं, जिससे काफी असुविधा हो रही है। साफ-सफाई की व्यवस्था रामभरोसे है। परेशान लोगों ने राहत की फरियाद प्रशासन से लेकर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज तक से की। लोगों ने मांग करते हुए कहा कि ओमैक्स सिटी को नगर निगम प्रशासन देखे ताकि मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो सके। 13 मई को रोहतक में ग्रीवांस कमेटी की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अनिल विज ने की। उनके सामने भी लोगों ने कई समस्याएं उठाते हुए साफ-सफाई नगर निगम की तरफ से नहीं कराने का आरोप लगाया। इस पर निगम के संयुक्त आयुक्त महेश कुमार ने बताया कि निगम ने करीब एक साल पहले तीन माह के लिए ओमैक्स सिटी की साफ-सफाई कराई थी मगर उनका निगम को भुगतान नहीं किया गया। इस वजह से निगम ने साफ सफाई कराना बंद कर दिया। निगम प्रशासन ने ओमैक्स सिटी को देखरेख के लिए लेने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री को दिए गए भरोसे के तहत निगम प्रशासन ने आरएफपी के लिए आवेदन आमंत्रित किए, जिसमें सात कंपनियों ने आवेदन किया है। मंगलवार तक एक कंपनी को चुनकर ओमैक्स सिटी की खामियों की सूची बनवाई जाएगी। खामियों को दूर करने के लिए फाइनेंशियल विड (एस्टीमेट) तैयार होगी। खामियों को दूर कराने के बाद निगम प्रशासन ओमैक्स सिटी की देखरेख का जिम्मा लेगा। निगम का मानना है कि चार से पांच माह में निगम ओमैक्स सिटी की देखरेख शुरू कर देगा।

वर्जन –

नगर निगम ने ओमैक्स सिटी के मेंटेनेंस के लिए आरएफपी के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें सात कंपनियों के आवेदन आए हैं। एक कंपनी को चिह्नित करके खामियों को दूर करने के लिए एस्टीमेट बनाना होगा। खामियां दूर होने के साथ ही निगम मेंटेनेंस शुरू कर देगा। सब कुछ सही रहा तो चार-पांच माह में काम पूरा हो जाएगा।

– मनजीत दहिया, अधिशासी अभियंता हेडक्वार्टर नगर निगम

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