निगम दुकानों की दरों में कटौती करेगा तभी पार्किंग बन सकेगा मार्केट


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रोहतक। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का भगत सिंह पार्किंग को मार्केट बनाने का मसौदा तब तक परवान चढ़ना मुश्किल है जब तक दुकानों के दाम कम नहीं होंगे। निगम प्रशासन चार बार 28 दुकानें बेचने का प्रयास कर चुका है मगर दाम ज्यादा होने की वजह से एक भी खरीदार नहीं आया। वहीं, मंत्री के आदेश के बाद सोमवार को निगम अधिकारी फाइलों को खंगालने में जुटे रहे।
सात करोड़ रुपये में बनी भगत सिंह पार्किंग का उद्घाटन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मई 2018 में किया था। इस पार्किंग का रविवार को मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने निरीक्षण करके निगम अधिकारियों को मार्केट बनाने के आदेश दिए। सात दिन के अंदर मार्केट बनाने का पूरा खाका तैयार करके भेजने के लिए कहा। मंत्री के निर्देश पर सोमवार को निगम अधिकारियों ने जब दस्तावेज खंगाले तब सामने आया कि भगत सिंह पार्किंग की प्रथम व द्वितीय मंजिल पर 14-14 दुकानें बनाकर निगम प्रशासन ने बेचने का प्रयास किया था। साल 2019 में निगम ने चार बार शहरवासियों से भगत सिंह पार्किंग की पहली व दूसरी मंजिल पर दुकान खरीदने के लिए आवेदन मांगे थे मगर एक भी आवेदन नहीं आया। इसकी वजह निगम के द्वारा प्रत्येक दुकान का रिजर्व प्राइज (न्यूनतम दर) 41 लाख रुपये रखा था। अधिकारियों की माने तो निगम के अफसरों ने दुकानें बेचने के काफी प्रयास किए थे मगर दुकानदारों ने ज्यादा दाम होने के हवाला देकर बात आगे ही नहीं बढ़ाई थी। अब निगम प्रशासन मार्केट बनाने का खाका बनाकर शासन के पास भेज देगा, संभव है कि शासन स्तर से ही दुकानों के रेट निर्धारित किए जाएं।
रेट कम होगी तब मिलेगी मार्केट बनाने में कामयाबी
दुकानदारों का कहना है कि ज्यादा रेट होने की वजह से पहले भी भगत सिंह पार्किंग में दुकानें नहीं ली थी। यदि रेट ज्यादा होंगे तो फिर मार्केट बनाने में दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि दुकानों के रेट निगोशिएवल (मोलभाव) किए जाएंगे। यदि निगम दुकानें के रेट कम करेगा तब दुकानें बिकना संभव है।
पार्किंग ठेका दो बार उठा और अधिकतम दो माह चले
भगत सिंह पार्किंग का ठेका तमाम प्रयास के बावजूद निगम प्रशासन दो बार उठा सका। पहली बार उठा ठेका सिर्फ एक माह ही चला और ठेकेदार छोड़कर चला गया। दूसरी बार का ठेका सिर्फ दो माह ही चल सका। पार्किंग का ठेका ज्यादा समय तक न चलने की वजह आसपास की मार्केट में आने वाले लोगों ने अपने वाहन खड़े नहीं किए। इसमें आसपास के दुकानदारों ने भी कोई सहयोग नहीं दिया।
हम मार्किंग करेंगे, पार्किंग प्रशासन शुरू कराएगा
झज्जर रोड से भिवानी स्टैंड की तरफ जाने वाले मार्ग पर दोपहिया वाहनों की पार्किंग बनाने और तिपहिया व चौपहिया वाहनों का रूट डायवर्ट करने की योजना पर अमल जिला प्रशासन के सहयोग से संभव है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के आदेश पर निगम वाहनों की पार्किंग की मार्किंग कर देगा। मगर रूट डायवर्ट कराना और वाहनों को खड़ा कराने की व्यवस्था जिला प्रशासन की तरफ से की जाएगी। अफसरों का कहना है कि वाहनों को खड़ा करने की मार्किंग एक-दो दिन के अंदर करवा दी जाएगी। बाकी व्यवस्था जिला प्रशासन करेगा।
रिजर्व प्राइज के आवेदन पर नहीं किया गौर
रिजर्व प्राइज ज्यादा होने की वजह से दुकानों की बिक्री नहीं होने की निगम प्रशासन हकीकत जानता है। यही वजह है कि तत्कालीन निगम उपायुक्त ने रिवर्ज प्राइज पर पुनर्विचार करने के लिए मंडलायुक्त को आठ जनवरी 2020 को पत्र लिखा था मगर अभी तक कोई बैठक नहीं की गई है। जिसकी वजह से निगम प्रशासन दुकानें नहीं बेच पा रहा है।
एक नजर में शहीद भगत सिंह पार्किंग
– पार्किंग का निर्माण 2015-16 में हुआ जिसका रकबा 788 वर्गगज व निर्मित एरिया 9342 वर्ग फीट है।
– बेसमेंट 744 वर्गगज व धरातल 266 वर्गगज है। इसमें 120 दोपहिया व 10 चार पहिया वाहनों की पार्किंग है।
– प्रथम व द्वितीय तल का रकबा 788 वर्ग फीट है जिसमें 14-14 दुकानें, प्रत्येक का रकबा 33 वर्गगज है।
– बिल्डिंग पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने 7.34 करोड़ में बनाई।
– अपर धरातल पर 114 वर्ग गज वाणिज्यिक के लिए 125 लाख रुपये राशि निर्धारित करते हुए 85 हजार रुपये प्रति माह किराया तय किया मगर बोलीदाताओं ने रुचि नहीं दिखाई।
– प्रथम तल पर 33 वर्गगज की दुकान की कीमत 41 लाख रुपये और 25 हजार रुपये मासिक किराया तथा द्वितीय तल पर 33 वर्गगज की दुकान की कीमत 40 लाख रुपये और 22000 रुपये मासिक किराया तय किया मगर कोई नहीं आया।
– पार्किंग के वाणिज्यिक स्थल 10 साल तक किराये अथवा लीज पर देने के लिए 11 सितंबर 2019, 13 सितंबर 2019, 28 नवंबर 2019 व 20 दिसंबर 2019 को चार बार खुली बोली रखी गई मगर कोई भी नहीं आया।
वर्जन
यह बात सही है कि 2019 में निगम प्रशासन ने भगत सिंह पार्किंग में दुकानें बेचने के लिए चार बार प्रयास किया था। रेट ज्यादा होने की वजह से दुकानें नहीं बिकी थी। यह मामला पुराना हो गया है, अब फिर निगम प्रशासन मार्केट बनाने के लिए दुकानें बेचेगा और उचित रेट भी तय करेगा। रही बात झज्जर रोड से भिवानी स्टैंड तक दोपहिया वाहनों की पार्किंग बनाने की तो मार्किंग करवा दी जाएगी। रूट डायवर्ट कराना और पार्किंग संचालित करवाने का काम, तो जिला प्रशासन करेगा।
– डॉ. नरहरि बांगड़, नगर निगम आयुक्त

रोहतक। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता का भगत सिंह पार्किंग को मार्केट बनाने का मसौदा तब तक परवान चढ़ना मुश्किल है जब तक दुकानों के दाम कम नहीं होंगे। निगम प्रशासन चार बार 28 दुकानें बेचने का प्रयास कर चुका है मगर दाम ज्यादा होने की वजह से एक भी खरीदार नहीं आया। वहीं, मंत्री के आदेश के बाद सोमवार को निगम अधिकारी फाइलों को खंगालने में जुटे रहे।

सात करोड़ रुपये में बनी भगत सिंह पार्किंग का उद्घाटन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मई 2018 में किया था। इस पार्किंग का रविवार को मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने निरीक्षण करके निगम अधिकारियों को मार्केट बनाने के आदेश दिए। सात दिन के अंदर मार्केट बनाने का पूरा खाका तैयार करके भेजने के लिए कहा। मंत्री के निर्देश पर सोमवार को निगम अधिकारियों ने जब दस्तावेज खंगाले तब सामने आया कि भगत सिंह पार्किंग की प्रथम व द्वितीय मंजिल पर 14-14 दुकानें बनाकर निगम प्रशासन ने बेचने का प्रयास किया था। साल 2019 में निगम ने चार बार शहरवासियों से भगत सिंह पार्किंग की पहली व दूसरी मंजिल पर दुकान खरीदने के लिए आवेदन मांगे थे मगर एक भी आवेदन नहीं आया। इसकी वजह निगम के द्वारा प्रत्येक दुकान का रिजर्व प्राइज (न्यूनतम दर) 41 लाख रुपये रखा था। अधिकारियों की माने तो निगम के अफसरों ने दुकानें बेचने के काफी प्रयास किए थे मगर दुकानदारों ने ज्यादा दाम होने के हवाला देकर बात आगे ही नहीं बढ़ाई थी। अब निगम प्रशासन मार्केट बनाने का खाका बनाकर शासन के पास भेज देगा, संभव है कि शासन स्तर से ही दुकानों के रेट निर्धारित किए जाएं।

रेट कम होगी तब मिलेगी मार्केट बनाने में कामयाबी

दुकानदारों का कहना है कि ज्यादा रेट होने की वजह से पहले भी भगत सिंह पार्किंग में दुकानें नहीं ली थी। यदि रेट ज्यादा होंगे तो फिर मार्केट बनाने में दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि दुकानों के रेट निगोशिएवल (मोलभाव) किए जाएंगे। यदि निगम दुकानें के रेट कम करेगा तब दुकानें बिकना संभव है।

पार्किंग ठेका दो बार उठा और अधिकतम दो माह चले

भगत सिंह पार्किंग का ठेका तमाम प्रयास के बावजूद निगम प्रशासन दो बार उठा सका। पहली बार उठा ठेका सिर्फ एक माह ही चला और ठेकेदार छोड़कर चला गया। दूसरी बार का ठेका सिर्फ दो माह ही चल सका। पार्किंग का ठेका ज्यादा समय तक न चलने की वजह आसपास की मार्केट में आने वाले लोगों ने अपने वाहन खड़े नहीं किए। इसमें आसपास के दुकानदारों ने भी कोई सहयोग नहीं दिया।

हम मार्किंग करेंगे, पार्किंग प्रशासन शुरू कराएगा

झज्जर रोड से भिवानी स्टैंड की तरफ जाने वाले मार्ग पर दोपहिया वाहनों की पार्किंग बनाने और तिपहिया व चौपहिया वाहनों का रूट डायवर्ट करने की योजना पर अमल जिला प्रशासन के सहयोग से संभव है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि मंत्री डॉ. कमल गुप्ता के आदेश पर निगम वाहनों की पार्किंग की मार्किंग कर देगा। मगर रूट डायवर्ट कराना और वाहनों को खड़ा कराने की व्यवस्था जिला प्रशासन की तरफ से की जाएगी। अफसरों का कहना है कि वाहनों को खड़ा करने की मार्किंग एक-दो दिन के अंदर करवा दी जाएगी। बाकी व्यवस्था जिला प्रशासन करेगा।

रिजर्व प्राइज के आवेदन पर नहीं किया गौर

रिजर्व प्राइज ज्यादा होने की वजह से दुकानों की बिक्री नहीं होने की निगम प्रशासन हकीकत जानता है। यही वजह है कि तत्कालीन निगम उपायुक्त ने रिवर्ज प्राइज पर पुनर्विचार करने के लिए मंडलायुक्त को आठ जनवरी 2020 को पत्र लिखा था मगर अभी तक कोई बैठक नहीं की गई है। जिसकी वजह से निगम प्रशासन दुकानें नहीं बेच पा रहा है।

एक नजर में शहीद भगत सिंह पार्किंग

– पार्किंग का निर्माण 2015-16 में हुआ जिसका रकबा 788 वर्गगज व निर्मित एरिया 9342 वर्ग फीट है।

– बेसमेंट 744 वर्गगज व धरातल 266 वर्गगज है। इसमें 120 दोपहिया व 10 चार पहिया वाहनों की पार्किंग है।

– प्रथम व द्वितीय तल का रकबा 788 वर्ग फीट है जिसमें 14-14 दुकानें, प्रत्येक का रकबा 33 वर्गगज है।

– बिल्डिंग पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने 7.34 करोड़ में बनाई।

– अपर धरातल पर 114 वर्ग गज वाणिज्यिक के लिए 125 लाख रुपये राशि निर्धारित करते हुए 85 हजार रुपये प्रति माह किराया तय किया मगर बोलीदाताओं ने रुचि नहीं दिखाई।

– प्रथम तल पर 33 वर्गगज की दुकान की कीमत 41 लाख रुपये और 25 हजार रुपये मासिक किराया तथा द्वितीय तल पर 33 वर्गगज की दुकान की कीमत 40 लाख रुपये और 22000 रुपये मासिक किराया तय किया मगर कोई नहीं आया।

– पार्किंग के वाणिज्यिक स्थल 10 साल तक किराये अथवा लीज पर देने के लिए 11 सितंबर 2019, 13 सितंबर 2019, 28 नवंबर 2019 व 20 दिसंबर 2019 को चार बार खुली बोली रखी गई मगर कोई भी नहीं आया।

वर्जन

यह बात सही है कि 2019 में निगम प्रशासन ने भगत सिंह पार्किंग में दुकानें बेचने के लिए चार बार प्रयास किया था। रेट ज्यादा होने की वजह से दुकानें नहीं बिकी थी। यह मामला पुराना हो गया है, अब फिर निगम प्रशासन मार्केट बनाने के लिए दुकानें बेचेगा और उचित रेट भी तय करेगा। रही बात झज्जर रोड से भिवानी स्टैंड तक दोपहिया वाहनों की पार्किंग बनाने की तो मार्किंग करवा दी जाएगी। रूट डायवर्ट कराना और पार्किंग संचालित करवाने का काम, तो जिला प्रशासन करेगा।

– डॉ. नरहरि बांगड़, नगर निगम आयुक्त

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