निगम क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों को वैध करने में आड़े आ रहे खसरे नंबर


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पानीपत। नगर निगम की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने में उनके खसरे नंबर बाधा बने हुए हैं। निगम क्षेत्र में ऐसी काफी कॉलोनियों हैं जिनमें कुछ खसरे नंबर निगम के सीमा में है जबकि कुछ बाहर हैं। वहीं, कुछ कॉलोनियों के खसरे नंबर तहसील में उपलब्ध ही नहीं है। जिसकी वजह से लोग निगम क्षेत्र में होने के बावजूद भी अपनी संपत्तियों की रजिस्ट्रियां नहीं करवा पा रहे हैं। इसी वजह से सरकार की ओर से भेजा गया निगम क्षेत्र की 63 कॉलोनियों को नियमित करवाने का प्रस्ताव भी अटक गया है।
निगम ने इसका हल निकालते हुए बिना खसरे नंबर वाली कॉलोनियों का जियोग्राफिकल मैप बनवाने की प्लानिंग की है। ताकि इस मैप के हिसाब से लोग अपनी रजिस्ट्रियां करवा सकें। वहीं, जो खसरे नंबर अवैध एरिया में आते हैं लेकिन संपत्ति वैध एरिया में हैं वे खसरे नंबर जनप्रतिनिधियों से मांगे गए हैं। ताकि जब 63 कॉलोनियों को नियमित करवाने का प्रस्ताव पास हो तो उसमें कोई चूक न हो। हालांकि निगम का ये प्लान अभी पूरी तरह से वर्किंग में नहीं है। अधिकारी इस पर जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव मांग रहे हैं।
बता दें कि 30 मई को ही निगम सदन की बैठक में सरकार की ओर से भेजा गया 63 कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव पास नहीं हो सका। कॉलोनियों की लिस्ट में कुछ वार्डों की कॉलोनियों के नाम तो कई वार्डों की कॉलोनियों के रकबे के खसरे नंबर नहीं मिले। इस पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते हुए दोबारा सर्वे करवाने की मांग रखी है। जिसकी वजह से इस प्रस्ताव को सदन की अगली बैठक तक लंबित रखा गया है।
कुछ जनप्रतिनिधियों ने सदन के एजेंडें में प्रस्तावित 63 कॉलोनियों की सूची देख उनके वार्ड का नाम न होने पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कॉलोनियों के खसरे नंबर गलत है और काफी रकबा भी छोड़ा गया है। अगर उन्हें शामिल नहीं किया गया तो दिक्कत पेश आएगी। कई कॉलोनियों तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाएंगी। जिसपर फैसला लिया गया कि निगम अधिकारी डीटीपी के साथ मिलकर फिर से सर्वे करेंगे। वार्डों में बचे हुए रकबे के खसरे नंबरों को लिस्ट में अपडेट करना होगा। जिन क्षेत्रों के खसरा नंबर तहसील में अपडेट नहीं हैं या उपलब्ध नहीं हैं, उन कॉलोनियों की बांउड्री का एक नक्शा तैयार किया जाएगा। बाउंड्री में आने वाला क्षेत्र वैध माना जाएगा।
अभी चल रहा काम
इस प्लानिंग पर अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। इस प्रकार से प्लानिंग की जा रही है ताकि लोगों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। इसके लिए बचे हुए खसरे नंबर व कॉलोनियों के नाम को लिस्ट में शामिल किया जा रहा है।
– सुंदर श्योराण, एक्सईएन एवं डीटीपी, नगर निगम।

पानीपत। नगर निगम की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने में उनके खसरे नंबर बाधा बने हुए हैं। निगम क्षेत्र में ऐसी काफी कॉलोनियों हैं जिनमें कुछ खसरे नंबर निगम के सीमा में है जबकि कुछ बाहर हैं। वहीं, कुछ कॉलोनियों के खसरे नंबर तहसील में उपलब्ध ही नहीं है। जिसकी वजह से लोग निगम क्षेत्र में होने के बावजूद भी अपनी संपत्तियों की रजिस्ट्रियां नहीं करवा पा रहे हैं। इसी वजह से सरकार की ओर से भेजा गया निगम क्षेत्र की 63 कॉलोनियों को नियमित करवाने का प्रस्ताव भी अटक गया है।

निगम ने इसका हल निकालते हुए बिना खसरे नंबर वाली कॉलोनियों का जियोग्राफिकल मैप बनवाने की प्लानिंग की है। ताकि इस मैप के हिसाब से लोग अपनी रजिस्ट्रियां करवा सकें। वहीं, जो खसरे नंबर अवैध एरिया में आते हैं लेकिन संपत्ति वैध एरिया में हैं वे खसरे नंबर जनप्रतिनिधियों से मांगे गए हैं। ताकि जब 63 कॉलोनियों को नियमित करवाने का प्रस्ताव पास हो तो उसमें कोई चूक न हो। हालांकि निगम का ये प्लान अभी पूरी तरह से वर्किंग में नहीं है। अधिकारी इस पर जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव मांग रहे हैं।

बता दें कि 30 मई को ही निगम सदन की बैठक में सरकार की ओर से भेजा गया 63 कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव पास नहीं हो सका। कॉलोनियों की लिस्ट में कुछ वार्डों की कॉलोनियों के नाम तो कई वार्डों की कॉलोनियों के रकबे के खसरे नंबर नहीं मिले। इस पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते हुए दोबारा सर्वे करवाने की मांग रखी है। जिसकी वजह से इस प्रस्ताव को सदन की अगली बैठक तक लंबित रखा गया है।

कुछ जनप्रतिनिधियों ने सदन के एजेंडें में प्रस्तावित 63 कॉलोनियों की सूची देख उनके वार्ड का नाम न होने पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कॉलोनियों के खसरे नंबर गलत है और काफी रकबा भी छोड़ा गया है। अगर उन्हें शामिल नहीं किया गया तो दिक्कत पेश आएगी। कई कॉलोनियों तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाएंगी। जिसपर फैसला लिया गया कि निगम अधिकारी डीटीपी के साथ मिलकर फिर से सर्वे करेंगे। वार्डों में बचे हुए रकबे के खसरे नंबरों को लिस्ट में अपडेट करना होगा। जिन क्षेत्रों के खसरा नंबर तहसील में अपडेट नहीं हैं या उपलब्ध नहीं हैं, उन कॉलोनियों की बांउड्री का एक नक्शा तैयार किया जाएगा। बाउंड्री में आने वाला क्षेत्र वैध माना जाएगा।

अभी चल रहा काम

इस प्लानिंग पर अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। इस प्रकार से प्लानिंग की जा रही है ताकि लोगों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। इसके लिए बचे हुए खसरे नंबर व कॉलोनियों के नाम को लिस्ट में शामिल किया जा रहा है।

– सुंदर श्योराण, एक्सईएन एवं डीटीपी, नगर निगम।

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