Jaipur Bomb Blast Case: जयपुर बम ब्लास्ट केस में जिंदा बम रखन के मामले में नाबालिग रहे आरोपी ने जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। अन्य आरोपियों बरी होने के आदेश के बाद याचिका लगाई थी। इस पर सुनावाी करते हुए कोर्ट ने आरोपी सलमान की जमानत याचिका खारिज की।
ये दलील दी थी आरोपी सलमान ने
जमानत याचिका में जिन्दा बम मिलने के आरोपी सलमान ने गुहार लगाई कि घटना के वक्त वह नाबालिग था। जिंदा बम रखने के मामले में वह साढ़े तीन साल से जेल में बंद है। किशोर न्याय बोर्ड में अधिकतम सजा 3 साल की देने की ही पावर होती है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए। कोर्ट ने सलमान की दलील को खारिज करते हुए कहा कि जब कोई नाबालिग भी बम ब्लास्ट जैसी गतिविधि के लिए प्रेरित हो सकता है तो बाद में वह समाज के लिए और खतरनाक साबित हो सकता है। ये लोगों का जीवन संकट में डाल सकता है।बम ब्लास्ट के सभी आरोपी हैं जेल में
मई 2008 में हुए बम धमाकों के आरोपियों को दिसंबर 2019 में जयपुर की निचली अदालत ने फैसला सुनाया था। इसमें चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। 29 मार्च 2023 को हाई कोर्ट ने निचली कोर्ट के फैसले को बदलते हुए चारों आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट से बरी होने के आदेश के बावजूद भी फिलहाल चारों आरोपियों को जेल से नहीं छोड़ा गया है। इसकी वजह घटना के दिन एक जिन्दा बम मिलना बताया गया था। जिन्दा बम मिलने का मुकदमा अलग से दर्ज है। उस मुकदमे में सलमान सहित चार अन्य आरोपी भी मुल्जिम है। ऐसे में फिलहाल कोई भी आरोपी जेल से बाहर नहीं आ सका है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)आसपास के शहरों की खबरें
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