नानी ने नहीं सुनाई परियों की कहानी, सिखाए कुश्ती के दांव


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फतेहाबाद। पंचकूला में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक लेकर आने वाली गांव दौलतपुर निवासी वर्षा गढ़वाल की कुश्ती में आने की कहानी बड़ी रोचक है। वर्षा की नानी भी पहले दंगल में भाग लेती थी। वर्षा की नानी के पिता भी पहलवान रह चुके हैं और उनको देखते हुए वर्षा की नानी भी दंगल में उतरा करती थी। जब वर्षा अपनी नानी के घर जाती थी तो उसे परियों की कहानी सुनाने की बजाय नानी उसे कुश्ती के दांव सिखाती थी।
वर्षा की मां भी स्कूल के दौरान कबड्डी खेल चुकी हैं और नेशनल तक खेली हैं। वर्षा की मां का कहना है कि उनका सपना था कि वह अच्छी प्लेयर बनकर कभी हवाई जहाज में बैठेगी, लेकिन उनका सपना अब उनकी बेटी ने पूरा किया है। फतेहाबाद के गांव दौलतपुर निवासी कृष्ण गढ़वाल की बेटी वर्षा गढ़वाल ने वर्ष 2017 में कुश्ती में जोर आजमाइश आरंभ कर दी थी। उनके पिता इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन नानी की सीख और मां के कहने पर वह भी मान गए। अब वर्षा के कमरे में पदकों की भरमार है। स्टेट लेवल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल लेवल तक वर्षा ने मेडल लाने की झड़ी लगा दी है।
नानी के पिता भी थे पहलवान
वर्षा की नानी स्व. बिरमा देवी जींद के गांव भंभेवा से हैं। नानी के पिता स्व. रघुबीर सिंह घनघस भी पहलवानी करते थे। इसके बाद वर्षा की नानी भी दंगल में उतरने लगी और गांव की मिट्टी के दंगल में खेलना आरंभ कर दिया। वर्षा अपनी नानी की काफी नजदीकी थी। वह कुुश्ती के किस्से सुनाती थी। यहीं से वर्षा को कुश्ती खेलने की प्रेरणा मिली। उसने पहले गांव से कुश्ती खेलना आरंभ किया और अब वह हर चैंपियनशिप में मेडल ला रही है।
कई मेडल जीत चुकी वर्षा
वर्षा ने पिछले साल 26 फरवरी को हुई स्टेट लेवल सब जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। जिला स्तर पर वह कई मेडल जीत चुकी थी, लेकिन यह उसकी पहली बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद वर्षा ने 22 से 25 जुलाई को हंगरी के बुड़ापेस्ट में हुई सब जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वह कर्नाटक के बेल्लारी में भी नेशनल सब जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य जीत चुकी है। 29 अप्रैल 2022 को रांची में हुई सब जूनियर चैंपियनशिप में भी वर्षा कांस्य पदक जीत चुकी है। वर्षा ने बताया कि उसका सपना है कि वह देश के लिए ओलंपिक में खेले और पदक लेकर आए। और इसी को लेकर वह इसकी तैयारियों में लगी है।
मैं कबड्डी की खिलाड़ी रही हूं और स्कूली टाइम में नेशनल तक खेली। मेरा सपना था कि मैं हवाई जहाज में बैठकर दूसरे देशों में जाकर देश के लिए मेडल लेकर आऊं। दसवीं पास करने के बाद मेरी शादी कर दी गई। मेरा सपना पूरा नहीं हो सका। अब मेरी बेटी ने सपना पूरा कर दिया है। मैं उसके साथ लखनऊ के कैंप, पंचकूला सहित चार बार हवाई जहाज का सफर कर चुकी हूं।
-रानी देवी, वर्षा की मां
वर्षा बहुत ही प्रतिभावान खिलाड़ी है। वह जब खेल स्टेडियम में कोचिंग के लिए आई, तभी समझ गया था कि यह बेटी बड़ा नाम कमाएगी। खेलो इंडिया से लेकर उसने अनेक स्पर्धाओं में पदक जीतकर प्रदेश व जिले का नाम रोशन किया है।
-अनिल कुमार, कुश्ती कोच, फतेहाबाद

अपनी नानी के साथ वर्षा गढ़वाल का फाइल फोटो

अपनी नानी के साथ वर्षा गढ़वाल का फाइल फोटो– फोटो : Fatehabad

फतेहाबाद। पंचकूला में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक लेकर आने वाली गांव दौलतपुर निवासी वर्षा गढ़वाल की कुश्ती में आने की कहानी बड़ी रोचक है। वर्षा की नानी भी पहले दंगल में भाग लेती थी। वर्षा की नानी के पिता भी पहलवान रह चुके हैं और उनको देखते हुए वर्षा की नानी भी दंगल में उतरा करती थी। जब वर्षा अपनी नानी के घर जाती थी तो उसे परियों की कहानी सुनाने की बजाय नानी उसे कुश्ती के दांव सिखाती थी।

वर्षा की मां भी स्कूल के दौरान कबड्डी खेल चुकी हैं और नेशनल तक खेली हैं। वर्षा की मां का कहना है कि उनका सपना था कि वह अच्छी प्लेयर बनकर कभी हवाई जहाज में बैठेगी, लेकिन उनका सपना अब उनकी बेटी ने पूरा किया है। फतेहाबाद के गांव दौलतपुर निवासी कृष्ण गढ़वाल की बेटी वर्षा गढ़वाल ने वर्ष 2017 में कुश्ती में जोर आजमाइश आरंभ कर दी थी। उनके पिता इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन नानी की सीख और मां के कहने पर वह भी मान गए। अब वर्षा के कमरे में पदकों की भरमार है। स्टेट लेवल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल लेवल तक वर्षा ने मेडल लाने की झड़ी लगा दी है।

नानी के पिता भी थे पहलवान

वर्षा की नानी स्व. बिरमा देवी जींद के गांव भंभेवा से हैं। नानी के पिता स्व. रघुबीर सिंह घनघस भी पहलवानी करते थे। इसके बाद वर्षा की नानी भी दंगल में उतरने लगी और गांव की मिट्टी के दंगल में खेलना आरंभ कर दिया। वर्षा अपनी नानी की काफी नजदीकी थी। वह कुुश्ती के किस्से सुनाती थी। यहीं से वर्षा को कुश्ती खेलने की प्रेरणा मिली। उसने पहले गांव से कुश्ती खेलना आरंभ किया और अब वह हर चैंपियनशिप में मेडल ला रही है।

कई मेडल जीत चुकी वर्षा

वर्षा ने पिछले साल 26 फरवरी को हुई स्टेट लेवल सब जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। जिला स्तर पर वह कई मेडल जीत चुकी थी, लेकिन यह उसकी पहली बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद वर्षा ने 22 से 25 जुलाई को हंगरी के बुड़ापेस्ट में हुई सब जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वह कर्नाटक के बेल्लारी में भी नेशनल सब जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य जीत चुकी है। 29 अप्रैल 2022 को रांची में हुई सब जूनियर चैंपियनशिप में भी वर्षा कांस्य पदक जीत चुकी है। वर्षा ने बताया कि उसका सपना है कि वह देश के लिए ओलंपिक में खेले और पदक लेकर आए। और इसी को लेकर वह इसकी तैयारियों में लगी है।

मैं कबड्डी की खिलाड़ी रही हूं और स्कूली टाइम में नेशनल तक खेली। मेरा सपना था कि मैं हवाई जहाज में बैठकर दूसरे देशों में जाकर देश के लिए मेडल लेकर आऊं। दसवीं पास करने के बाद मेरी शादी कर दी गई। मेरा सपना पूरा नहीं हो सका। अब मेरी बेटी ने सपना पूरा कर दिया है। मैं उसके साथ लखनऊ के कैंप, पंचकूला सहित चार बार हवाई जहाज का सफर कर चुकी हूं।

-रानी देवी, वर्षा की मां

वर्षा बहुत ही प्रतिभावान खिलाड़ी है। वह जब खेल स्टेडियम में कोचिंग के लिए आई, तभी समझ गया था कि यह बेटी बड़ा नाम कमाएगी। खेलो इंडिया से लेकर उसने अनेक स्पर्धाओं में पदक जीतकर प्रदेश व जिले का नाम रोशन किया है।

-अनिल कुमार, कुश्ती कोच, फतेहाबाद

अपनी नानी के साथ वर्षा गढ़वाल का फाइल फोटो

अपनी नानी के साथ वर्षा गढ़वाल का फाइल फोटो– फोटो : Fatehabad

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