नागरिक अस्पताल में नहीं हो रही हेपेटाइटिस बी व सी की जांच


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हेपेटाटिस बी व सी के मरीजों को अब नागरिक अस्पताल द्वारा जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। पिछले 13 दिन से लोग निजी खर्च पर प्राइवेट लैबों में यह जांच करवाने को मजबूर हैं। इसके लिए मरीजों को 1500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं जबकि इससे पहले नागरिक अस्पताल प्रशासन हेपेटाटिस बी व सी की जांच अपने खर्च पर करवाता था। फिलहाल जिस लैब से स्वास्थ्य विभाग का अनुबंध था वह खत्म हो गया है। इस कारण 28 जुलाई से नागरिक अस्पताल में हेपेटाइटिस की जांच करवाने वाले मरीजों को वापस जाना पड़ रहा है तथा खुद ही निजी लैबों से जांच करवाकर रिपोर्ट लानी पड़ रही है। आमतौर पर नागरिक अस्पताल द्वारा एक महीने में औसतन 100 मरीजों की जांच करवाई जाती थी।
हेपेटाइटिस बी व सी को आम भाषा में काला पीलिया कहते हैं। इसे बी एवं सी अलग-अलग प्रकार हैं। हेपेटाइटिस की जांच की सुविधा नागरिक अस्पताल में उपलब्ध नहीं है लेकिन लोगों को यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी लैब से अनुबंध किया हुआ था जितने भी मरीज स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस लैब पर भेजे जाते थे उन सभी का भुगतान स्वास्थ्य विभाग करता था। मरीज को इसके लिए कुछ भी देना नहीं पड़ता था। अब स्वास्थ्य विभाग का यह अनुबंध खत्म हो चुका है इस कारण मरीजों को अब अपनी जेब ढीली करके जांच करवानी पड़ रही है। एक जांच निजी लैब में 1500 रुपये में की जाती है।
अपनी ही लैब में शुरू होगी जांच
नागरिक अस्पताल उचाना में स्वास्थ्य विभाग की आरटीपीसीआर लैब है। इस लैब में फिलहाल कोरोना की जांच की जाती है। अब कोरोना के साथ-साथ इस लैब में हेपेटाइटिस की जांच भी की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने लैब के लिए 50 हजार रुपये की कीमत से सामान खरीद लिया है। कुछ सामान और बाकी है जो जल्द उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद आरटीपीसीआर लैब में ही हेपेटाइटिस की जांच हो जाएगी।
जल्द ही आरटीपीसीआर लैब में हेपेटाइटिस की जांच शुरू हो जाएगी। इसके लिए सामान उपलब्ध हो चुका है। जब तक लैब में जांच शुरू नहीं होती तब तक निजी लैब से स्वास्थ्य विभाग खुद जांच करवाएगा। इसके लिए अनुबंध तैयार किया जा रहा है।
-डॉ. मंजू कादियान, सिविल सर्जन।

हेपेटाटिस बी व सी के मरीजों को अब नागरिक अस्पताल द्वारा जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। पिछले 13 दिन से लोग निजी खर्च पर प्राइवेट लैबों में यह जांच करवाने को मजबूर हैं। इसके लिए मरीजों को 1500 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं जबकि इससे पहले नागरिक अस्पताल प्रशासन हेपेटाटिस बी व सी की जांच अपने खर्च पर करवाता था। फिलहाल जिस लैब से स्वास्थ्य विभाग का अनुबंध था वह खत्म हो गया है। इस कारण 28 जुलाई से नागरिक अस्पताल में हेपेटाइटिस की जांच करवाने वाले मरीजों को वापस जाना पड़ रहा है तथा खुद ही निजी लैबों से जांच करवाकर रिपोर्ट लानी पड़ रही है। आमतौर पर नागरिक अस्पताल द्वारा एक महीने में औसतन 100 मरीजों की जांच करवाई जाती थी।

हेपेटाइटिस बी व सी को आम भाषा में काला पीलिया कहते हैं। इसे बी एवं सी अलग-अलग प्रकार हैं। हेपेटाइटिस की जांच की सुविधा नागरिक अस्पताल में उपलब्ध नहीं है लेकिन लोगों को यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी लैब से अनुबंध किया हुआ था जितने भी मरीज स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस लैब पर भेजे जाते थे उन सभी का भुगतान स्वास्थ्य विभाग करता था। मरीज को इसके लिए कुछ भी देना नहीं पड़ता था। अब स्वास्थ्य विभाग का यह अनुबंध खत्म हो चुका है इस कारण मरीजों को अब अपनी जेब ढीली करके जांच करवानी पड़ रही है। एक जांच निजी लैब में 1500 रुपये में की जाती है।

अपनी ही लैब में शुरू होगी जांच

नागरिक अस्पताल उचाना में स्वास्थ्य विभाग की आरटीपीसीआर लैब है। इस लैब में फिलहाल कोरोना की जांच की जाती है। अब कोरोना के साथ-साथ इस लैब में हेपेटाइटिस की जांच भी की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने लैब के लिए 50 हजार रुपये की कीमत से सामान खरीद लिया है। कुछ सामान और बाकी है जो जल्द उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद आरटीपीसीआर लैब में ही हेपेटाइटिस की जांच हो जाएगी।

जल्द ही आरटीपीसीआर लैब में हेपेटाइटिस की जांच शुरू हो जाएगी। इसके लिए सामान उपलब्ध हो चुका है। जब तक लैब में जांच शुरू नहीं होती तब तक निजी लैब से स्वास्थ्य विभाग खुद जांच करवाएगा। इसके लिए अनुबंध तैयार किया जा रहा है।

-डॉ. मंजू कादियान, सिविल सर्जन।

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