नहीं देखी होगी ऐसी कलाकारी: 1650 किमी. से आकर चंडीगढ़ को बनाया ठिकाना, हथौड़े से ऐसा हथौड़ा चलाते हैं कि शीशे पर ऊभर आता है चेहरा Chandigarh News Updates
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शैटर्ड ग्लास आर्टिस्ट मिखाएल। – फोटो : अमर उजाला
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चंडीगढ़ से 1650 किलोमीटर दूर अपने घर के एक कोने में शीशे पर हथौड़ी से धीरे-धीरे चोट करते 32 वर्षीय मिखाएल यूं तो कभी चंडीगढ़ नहीं आए, लेकिन वे इस शहर से खास नाता महसूस करते हैं। ये नाता है कला का, संयम का, समर्पण का और एकाग्रता था, जिसकी बदौलत पद्मश्री नेकचंद ने चंडीगढ़ में कला का ऐसा संसार रचा, जिसे आज दुनिया रॉक गार्डन के नाम से जानती है।
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मिखाएल शैटर्ड ग्लास आर्टिस्ट हैं। यानी शीशे को हथौड़ी से तोड़ कर चित्र बनाते हैं। सुनने में यह जितना आसान लगता है, करने में उतना ही कठिन है। एक चित्र बनाने में उन्हें पांच से छह घंटे लगते हैं। इस मेहनत पर एक सेकेंड के दसवें हिस्से की लापरवाही भी पानी फेर सकती है, इसलिए इसमें अत्यंत एकाग्रता व संयम की जरूरत है। वह दावा करते हैं कि शैटर्ड ग्लास आर्ट का लाइव शो करने वाले वह देश के इकलौते कलाकार हैं।
देश में उन जैसे कुछ और कलाकार भी हैं, लेकिन वे अभी तक लाइव शो में अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाए हैं। उन्होंने तीन साल के कड़े अभ्यास के बाद खुद को इस कला में पारंगत किया है। वह मुंबई व दिल्ली समेत कई शहरों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। अब अप्रैल में वर्ल्ड आर्ट दुबई में परफॉर्मेंस की तैयारी कर रहे हैं। वह इस कला में देश का प्रतिनिधित्व करने की चाहत रखते हैं।
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नहीं देखी होगी ऐसी कलाकारी: 1650 किमी. से आकर चंडीगढ़ को बनाया ठिकाना, हथौड़े से ऐसा हथौड़ा चलाते हैं कि शीशे पर ऊभर आता है चेहरा