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पानीपत। गांव में बिजली नहीं आती हैं। महज पांच से छह घंटे ही बिजली मिलती है। महीने में कई बार दो से तीन दिन तो बिजली आती ही नहीं। अब गांव में कैसे रहे हैं। यह कहना है कि किसान रामस्वरूप का। उन्होंने बताया कि बिजली संकट की वजह से गांव के कई किसान पलायन कर शहर में आकर बस गए हैं। यही हाल रहा तो उन्हें भी गांव छोड़ना पड़ेगा।
इसराना गांव में बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब है। बिजली के तार भी खुले पड़े हैं। अब तक करंट की चपेट में आने से एक महिला, एक पुरुष और करीब एक दर्जन पशुओं की मौत हो चुकी है। बिजली निगम ने सभी ट्रांसफार्मर गांव के बीचोबीच लगा दिए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बाद बिजली निगम के एसई कार्यालय में प्रदर्शन कर चुके हैं, फिर भी समाधान नहीं हुआ। गांव की 15 हजार की आबादी है और बिजली कुछ घंटे ही मिलती है। ग्रामीणों ने बिजली निगम के एसई को पत्र लिखकर कहा है कि समस्या सुलझाइए, नहीं तो उन्हें गांव छोड़ना पड़ेगा।
पानीपत। गांव में बिजली नहीं आती हैं। महज पांच से छह घंटे ही बिजली मिलती है। महीने में कई बार दो से तीन दिन तो बिजली आती ही नहीं। अब गांव में कैसे रहे हैं। यह कहना है कि किसान रामस्वरूप का। उन्होंने बताया कि बिजली संकट की वजह से गांव के कई किसान पलायन कर शहर में आकर बस गए हैं। यही हाल रहा तो उन्हें भी गांव छोड़ना पड़ेगा।
इसराना गांव में बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहद खराब है। बिजली के तार भी खुले पड़े हैं। अब तक करंट की चपेट में आने से एक महिला, एक पुरुष और करीब एक दर्जन पशुओं की मौत हो चुकी है। बिजली निगम ने सभी ट्रांसफार्मर गांव के बीचोबीच लगा दिए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बाद बिजली निगम के एसई कार्यालय में प्रदर्शन कर चुके हैं, फिर भी समाधान नहीं हुआ। गांव की 15 हजार की आबादी है और बिजली कुछ घंटे ही मिलती है। ग्रामीणों ने बिजली निगम के एसई को पत्र लिखकर कहा है कि समस्या सुलझाइए, नहीं तो उन्हें गांव छोड़ना पड़ेगा।
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