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नवंबर में भारत का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट बढ़कर 37.84 बिलियन डॉलर (करीब 3.21 लाख करोड़ रुपए) रहा। अक्टूबर में यह 27.1 बिलियन डॉलर (करीब 2.30 लाख करोड़ रुपए) रहा था।
नवंबर में भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 4.85% घटकर 32.11 बिलियन डॉलर (2.73 लाख करोड़ रुपए) रहा, जबकि इंपोर्ट 27.04% बढ़कर 69.95 बिलियन डॉलर (5.94 लाख करोड़ रुपए) रहा।
अक्टूबर में यह एक्सपोर्ट 39.2 बिलियन डॉलर (3.33 लाख करोड़ रुपए) और इंपोर्ट 66.34 बिलियन डॉलर (5.63 लाख करोड़ रुपए) रहा था।
अप्रैल-नवंबर में 8.35% बढ़ा इंपोर्ट
अप्रैल से नवंबर के दौरान में भारत के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में पिछले साल के अप्रैल-नवंबर की तुलना में 2.17% की बढ़ोतरी हुई, जबकि इंपोर्ट 8.35% बढ़ गया जिसके चलते देश का व्यापार घाटा बढ़ा।
क्या होता है ट्रेड डेफिसिट?
जब एक निश्चित टाइम पीरियड को दौरान देश का इंपोर्ट यानी विदेशों से मंगाए गए सामान की वैल्यू देश के एक्सपोर्ट यानी देश देश के बाहर भेजी जाने वाली सामानों की वैल्यू से ज्यादा हो जाता है।
ऐसी स्थिती में भारत का पैसा विदेशों में ज्यादा चला जाता है, इसी स्थिती को ट्रेड डेफिसिट या व्यापार घाटे कहा जाता है। इसे निगेटिव बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जब कोई देश बेचने से ज्यादा खरीदता है, तो उसे ट्रेड डेफिसिट कहा जाता है।
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नवंबर में थोक महंगाई घटकर 1.89% पर आई: खाने-पीने की चीजों की कीमतें कम होने से कम हुई, अक्टूबर में 2.36% थी
नवंबर महीने में थोक महंगाई घटकर 1.89% पर आ गई है। इससे पहले अक्टूबर में थोक महंगाई 2.36% पर थी। सितंबर महीने में थोक महंगाई 1.84% पर थी। सब्जियों और खाने-पीने के चीजों के दाम घटने से महंगाई घटी है।
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नवंबर में व्यापार घाटा बढ़कर ₹3.21 लाख करोड़ रहा: मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 4.85% कम हुआ, इंपोर्ट 27.04% बढ़ी इससे ट्रेड डेफिसिट बढ़ी