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चंडीगढ़ जिला अदालत
– फोटो : सोशल मीडिया
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नकली जज… यह कोई फिल्म नहीं बल्कि हकीकत में एक ऐसा शख्स था जिसने हरियाणा के झज्जर की जिला अदालत में जज बनकर कई मामलों की सुनवाई करते हुए फैसले सुनाए। कोर्ट से दो महीनों के भीतर 2000 से ज्यादा मुल्जिमों को जमानत मिली थी। जमानत देने वाला असली नहीं, बल्कि नकली जज धनी राम मित्तल था।
हकीकत यह है कि धनी राम एक शातिर चोर था। उसके खिलाफ चंडीगढ़ की जिला अदालत में 20 साल पहले चोरी का एक केस दर्ज हुआ था। उस केस को अब कोर्ट ने बंद कर दिया है। क्योंकि चोरी के मामले में आरोपी धनी राम मित्तल की मौत हो चुकी है।
चंडीगढ़ जिला अदालत ने नकली जज बनकर फैसले सुनाने वाले शातिर चोर धनी राम मित्तल का 20 साल पुराना चोरी का मामला बंद कर दिया है। धनी राम का पांच माह पहले 18 अप्रैल को 86 साल की उम्र में निधन हो गया था। धनी राम पर चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में 150 से अधिक चोरी के मामले दर्ज थे।
बता दें कि धनी राम को चंडीगढ़ पुलिस ने पिछले साल चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी उम्र को देखते हुए अदालत ने कुछ दिनों की जमानत दे दी थी। धनी राम दिल्ली में रह रहा था। जमानत मिलने के बाद वह फिर अदालत में पेश नहीं हुआ। वहीं, धनी राम खिलाफ चोरी व ठगी का एक ओर अन्य मामला कोर्ट में चल रहा था, जल्द पुलिस इस मामले में भी मौत की रिपोर्ट पेश कर सकती है।
सेक्टर-3 थाना पुलिस ने साल 2004 में धनी राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोप के मुताबिक उसने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की पार्किंग से अशोक कुमार नाम के शख्स की कार चुराई थी। तीन साल बाद भी चंडीगढ़ पुलिस ने चोरी की एक कार बरामद की थी और तब भी धनी राम मित्तल का ही नाम आया था। ये दोनों मामले धनी राम मित्तल के खिलाफ चल रहे थे। जिनमें से एक की फाइल अदालत ने बंद कर दी है।
नकली जज बन सुनाए 2.5 हजार मामलों के फैसले
धनी राम मित्तल की कहानी देश -विदेश में फैल चुकी थी। साल 1964 से धोखाधड़ी और चोरियों के कई मामलों में वह शामिल था। वह खुद वकील भी रहा। 80 के दशक में धनी राम पर झज्जर की अदालत में नकली जज बनने का आरोप था। उसने जज रहते हुए 2.5 हजार से ज्यादा मामलों के फैसले सुनाए थे।
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नकली जज धनी राम: आखिरकार बंद हुआ कार चोरी का 20 साल पुराना केस, चंडीगढ़ कोर्ट चल रहा था मामला