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संवाद न्यूज एजेंसी, हिसार
Updated Tue, 11 Feb 2025 12:37 AM IST
हिसार। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि भारत में ध्यान व आध्यात्म की गौरवशाली प्राचीन परंपरा है। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक कौशल को भी विकसित करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी अध्यात्म और ध्यान के महत्व को प्रोत्साहित करती है। वे विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा वैदिक लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से सम्पूर्ण कल्याण के लिए ध्यान के क्षण विषय पर चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। मुख्य वक्ता स्वामी शेलेंद्रा सरस्वती ने कहा कि विश्व में सफलता के लिए आत्मा के ज्ञान को पहचानना जरूरी है। जैसे फल पाने के लिए पहले पेड़ की देखभाल करना आवश्यक है। ठीक उसी प्रकार हमें अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने मानसिक विचारों को संतुलित करना होगा। वैदिक लाइफ फाउंडेशन के सदस्य शक्ति अय्यर ने पांच दिवसीय कार्यशाला की रूप रेखा के बारे में जानकारी दी। डीन एफईटी प्रो. संदीप के आर्य ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि शरीर के पांच तत्वों भूमि, जल, वायु, आकाश व अग्नि के बारे में बताया।
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नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों का समग्र विकास करना : प्रो. नरसी राम