नई एचएसआर लागू होने के कारण डेयरी कॉम्प्लेक्स का बनाया जाएगा रिवाइज एस्टीमेट


ख़बर सुनें

हिसार। मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल डेयरी कांप्लेक्स का रिवाइज एस्टीमेट बनाया जाएगा। नई एचएसआर (हरियाणा शेड्यूल ऑफ रेट्स) लागू के कारण अब दोबारा से इसे तैयार कराया जाएगा। हालांकि पहले प्रदेश सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट के लिए 42 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है।
बता दें कि इनेलो सरकार में वर्ष 2000 में पहली बार डेयरी कांप्लेक्स की घोषणा हुई थी। निगम ने इसके लिए धान्सू रोड पर जमीन ली थी, मगर प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। वर्ष 2004-05 में डेयरी शिफ्टिंग का मुद्दा दोबारा से उठा तो अफसरों को जमीन तलाशने की जिम्मेदारी दी। वर्ष 2005 में जिला प्रशासन ने 24 एकड़ सरकारी जमीन चिह्नित की। साल 2010 में डेयरी शिफ्टिंग के लिए सर्वे भी हुआ, जिसमें शहर में 292 डेयरियां मिलीं थीं।
निगम अधिकारियों ने अगस्त 2013 में बगला रोड पर 137 एकड़ सात कनाल 14 मरले भूमि चिह्नित कर सरकार के पास प्रस्ताव भेजा, लेकिन प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। 29 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को लेकर फिर घोषणा की। शहर के चारों तरफ 25-25 एकड़ जमीन पर डेयरियां शिफ्ट करने की घोषणा की गई है। मगर अलग-अलग जमीन नहीं मिली। आखिरकार साउथ बाईपास (बगला रोड) पर ही 50 एकड़ जमीन फाइनल हुई। जमीन फाइनल होने के बाद वर्ष 2020 में निगम ने दोबारा से डेयरियों को लेकर सर्वे कराया, जिसमें 410 डेयरियां मिलीं।
प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ने में अभी ये बाधाएं
– प्रोजेक्ट के स्टैंडर्ड डिजाइन को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। सवा साल से इसकी फाइल मुख्यालय में अटकी पड़ी है।
– प्रोजेक्ट की जमीन बना श्मशान घाट शिफ्ट नहीं किया गया है। इसे लेकर काफी बार बीडीपीओ से पत्राचार किया जा चुका है।
– इस जमीन के लिए विकास शुल्क जमा करवाने हैं, इसे लेकर मुख्यालय से चर्चा की जाएगी।
– डेयरी प्लॉट की बोली अभी बाकी है। डेयरी संचालक काफी समय से बचे प्लॉट की बोली करवाने की मांग कर रहे हैं।
ये बाधाएं हुईं दूर
– डीटीपी से जोनिंग प्लान को मंजूरी व सीएलयू से छूट मिली।
– डेयरी कांप्लेक्स की चहारदीवारी बनकर तैयार हो गई। 5500 फुट लंबी इस चहारदीवारी की ऊंचाई साढ़े सात मीटर है, जिस पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च आया है।
387 डेयरी प्लॉट की बोली भी लटकी
अभी तक सभी डेयरी प्लॉट की बोली भी पूरी नहीं हो सकी है। डेयरी प्लॉजा में डेयरी के 410 प्लॉट में से 23 प्लॉट की ही बोली हुई है। पिछले वर्ष जनवरी में आखिरी बार प्लॉट की बोली हुई थी। इसके बाद से डेयरी संचालक बोली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन निगम प्रशासन बोली नहीं करवा रहा है।
सुविधाएं : डेयरी प्लाजा में पशुओं के लिए तालाब, चारामंडी, गोबर गैस प्लांट, सामुदायिक केंद्र, कैटल हॉस्टल, चिलिंग प्लांट, ऑटोमैटिक मिल्किंग प्लांट, मिल्क कलेक्शन सेंटर, शॉपिंग सेंटर, कैफेटेरिया, वेटरनरी अस्पताल व एसटीपी प्लांट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
फायदा
– सीवर जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
– पशुओं के गोबर से होने वाली गंदगी से छुटकारा मिलेगा।
– डेयरी संचालकों द्वारा पशुओं को खुला छोड़ने व उनसे होने वाले हादसे नहीं होंगे।
नई एचएसआर लागू हो गई थी, जिस कारण अब रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। फिर इसे मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजा जाएगा। – संदीप सिहाग, एक्सईएन, नगर निगम

हिसार। मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल डेयरी कांप्लेक्स का रिवाइज एस्टीमेट बनाया जाएगा। नई एचएसआर (हरियाणा शेड्यूल ऑफ रेट्स) लागू के कारण अब दोबारा से इसे तैयार कराया जाएगा। हालांकि पहले प्रदेश सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट के लिए 42 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है।

बता दें कि इनेलो सरकार में वर्ष 2000 में पहली बार डेयरी कांप्लेक्स की घोषणा हुई थी। निगम ने इसके लिए धान्सू रोड पर जमीन ली थी, मगर प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। वर्ष 2004-05 में डेयरी शिफ्टिंग का मुद्दा दोबारा से उठा तो अफसरों को जमीन तलाशने की जिम्मेदारी दी। वर्ष 2005 में जिला प्रशासन ने 24 एकड़ सरकारी जमीन चिह्नित की। साल 2010 में डेयरी शिफ्टिंग के लिए सर्वे भी हुआ, जिसमें शहर में 292 डेयरियां मिलीं थीं।

निगम अधिकारियों ने अगस्त 2013 में बगला रोड पर 137 एकड़ सात कनाल 14 मरले भूमि चिह्नित कर सरकार के पास प्रस्ताव भेजा, लेकिन प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया। 29 दिसंबर 2014 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को लेकर फिर घोषणा की। शहर के चारों तरफ 25-25 एकड़ जमीन पर डेयरियां शिफ्ट करने की घोषणा की गई है। मगर अलग-अलग जमीन नहीं मिली। आखिरकार साउथ बाईपास (बगला रोड) पर ही 50 एकड़ जमीन फाइनल हुई। जमीन फाइनल होने के बाद वर्ष 2020 में निगम ने दोबारा से डेयरियों को लेकर सर्वे कराया, जिसमें 410 डेयरियां मिलीं।

प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ने में अभी ये बाधाएं

– प्रोजेक्ट के स्टैंडर्ड डिजाइन को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। सवा साल से इसकी फाइल मुख्यालय में अटकी पड़ी है।

– प्रोजेक्ट की जमीन बना श्मशान घाट शिफ्ट नहीं किया गया है। इसे लेकर काफी बार बीडीपीओ से पत्राचार किया जा चुका है।

– इस जमीन के लिए विकास शुल्क जमा करवाने हैं, इसे लेकर मुख्यालय से चर्चा की जाएगी।

– डेयरी प्लॉट की बोली अभी बाकी है। डेयरी संचालक काफी समय से बचे प्लॉट की बोली करवाने की मांग कर रहे हैं।

ये बाधाएं हुईं दूर

– डीटीपी से जोनिंग प्लान को मंजूरी व सीएलयू से छूट मिली।

– डेयरी कांप्लेक्स की चहारदीवारी बनकर तैयार हो गई। 5500 फुट लंबी इस चहारदीवारी की ऊंचाई साढ़े सात मीटर है, जिस पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च आया है।

387 डेयरी प्लॉट की बोली भी लटकी

अभी तक सभी डेयरी प्लॉट की बोली भी पूरी नहीं हो सकी है। डेयरी प्लॉजा में डेयरी के 410 प्लॉट में से 23 प्लॉट की ही बोली हुई है। पिछले वर्ष जनवरी में आखिरी बार प्लॉट की बोली हुई थी। इसके बाद से डेयरी संचालक बोली का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन निगम प्रशासन बोली नहीं करवा रहा है।

सुविधाएं : डेयरी प्लाजा में पशुओं के लिए तालाब, चारामंडी, गोबर गैस प्लांट, सामुदायिक केंद्र, कैटल हॉस्टल, चिलिंग प्लांट, ऑटोमैटिक मिल्किंग प्लांट, मिल्क कलेक्शन सेंटर, शॉपिंग सेंटर, कैफेटेरिया, वेटरनरी अस्पताल व एसटीपी प्लांट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

फायदा

– सीवर जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

– पशुओं के गोबर से होने वाली गंदगी से छुटकारा मिलेगा।

– डेयरी संचालकों द्वारा पशुओं को खुला छोड़ने व उनसे होने वाले हादसे नहीं होंगे।

नई एचएसआर लागू हो गई थी, जिस कारण अब रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। फिर इसे मंजूरी के लिए मुख्यालय भेजा जाएगा। – संदीप सिहाग, एक्सईएन, नगर निगम

.


What do you think?

लोन पर बैंक में गिरवी रखी दुकान को बेचने के लिए बयाना के नाम पर हड़पे 12 लाख 45 हजार

सोने की कीमतों में भारी गिरावट, निवेश का अच्छा समय? अपने शहर में दरों की जाँच करें