in

धन्यवाद रैली के लिए आदमपुर छोड़ेगा बिश्नोई परिवार: BJP सिर्फ जीती हुई सीटों पर रैली कर रही, 57 साल बाद भजनलाल के गढ़ में हारे थे – Hisar News Chandigarh News Updates

धन्यवाद रैली के लिए आदमपुर छोड़ेगा बिश्नोई परिवार:  BJP सिर्फ जीती हुई सीटों पर रैली कर रही, 57 साल बाद भजनलाल के गढ़ में हारे थे – Hisar News Chandigarh News Updates

[ad_1]

पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल की पारंपरिक सीट मानी जाने वाली आदमपुर में अब BJP रैली भी नहीं कर पा रही है, जबकि कुलदीप बिश्नोई सहित पूरा परिवार भाजपा में है। इसका कारण भाजपा को 2024 विधानसभा चुनाव के अंदर आदमपुर सीट से मिली हार है।

.

आदमपुर सीट पर भाजपा जीत मानकर चल रही थी। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी की नजर इस सीट पर लगी हुई थी, लेकिन बिश्नोई परिवार महज 1268 वोटों से यह सीट हार गया। इस हार का डेंट बिश्नोई परिवार की राजनीति पर पड़ा। जिसका खामियाजा बिश्नोई परिवार को सत्ता के करीब होते हुए भी कुर्सी से दूर किए हुए हैं। अब हालात ये हैं कि बिश्नोई परिवार को मुख्यमंत्री की रैली में मंच साझा करने के लिए भी साथ लगते हलके में जाना पड़ रहा है।

वहीं चुनाव के एक साल बाद मुख्यमंत्री जनता का आभार जताने हिसार जिले की नलवा विधानसभा में 26 अक्टूबर को आ रहे हैं। यह रैली दिसंबर 2024 को होनी थी, मगर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण रैली को रद्द कर दिया गया था। अब यह रैली कुलदीप बिश्नोई के करीबी विधायक रणधीर पनिहार के गांव पनिहार में होगी।

2024 विधानसभा चुनाव हारने के बाद कुलदीप बिश्नोई के आदमपुर स्थित घर के बाहर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।

लंबे समय बाद सक्रिय हो रहा बिश्नोई परिवार अक्टूबर 2024 में आदमपुर सीट पर चुनाव हारने के बाद से बिश्नोई परिवार की सक्रियता कम हो गई थी। अब पिछले कुछ दिनों से परिवार ने सक्रियता बढ़ाई है। कुलदीप बिश्नोई के जन्मदिन पर 22 सितंबर को आदमपुर में भजनलाल की पुरानी आढ़त की दुकान के सामने जनहित दिवस समारोह किया। कांग्रेस से नाराज होने के बाद भजनलाल ने ‘जनहित’ शब्द को लेकर ही साल 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाई थी, जिसका बाद में कांग्रेस में विलय कर दिया गया था।

8 सीट मांगी थी, 3 मिली, 2 हार गए दरअसल, अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा प्रभारी रहे धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर 8 से 10 विधानसभा सीटों की डिमांड की थी। कुलदीप बिश्नोई ने इन सीटों पर भाजपा को जिताने का दम भरा था। इनमें हिसार, नलवा, हांसी, बवानी खेड़ा, बरवाला, आदमपुर, फतेहाबाद, सिरसा और भिवानी शामिल थी।

मगर, चुनाव के समय कुलदीप बिश्नोई को भाजपा की तरफ से 3 सीटें दी गई। इसमें नलवा, आदमपुर और फतेहाबाद सीट शामिल थी। कुलदीप ने बेटे, भाई और दोस्त के लिए ये टिकटें मांगीं। नलवा से दोस्त रणधीर पनिहार को कुलदीप ने टिकट दिलवाया और यही एक सीट भाजपा के खाते में आई । वहीं फतेहाबाद और आदमपुर सीट बिश्नोई परिवार हार गया। फतेहाबाद से कुलदीप के चचेरे भाई दूड़ाराम प्रत्याशी थे, जबकि आदमपुर से भव्य बिश्नोई।

हिसार से टिकट न मिलने पर नाराज हुए थे लोकसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई हिसार सीट से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने कुलदीप की जगह कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला को उम्मीदवार बनाया और वह कांग्रेस के जयप्रकाश उर्फ जेपी से हार गए। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा था कि भाजपा अगर मुझे टिकट देती तो प्रदेश का रिजल्ट कुछ और होता।

प्रदेश में भाजपा के पक्ष में लोग और वोटिंग करते और ज्यादा सीटें जीतते। भाजपा ने आउट साइडर रणजीत चौटाला को टिकट दिया, इनका हिसार में कोई जनाधार नहीं है। लोगों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। इसके बाद भाजपा ने विधानसभा में उनको 3 टिकटें दी, लेकिन 2 सीट हार गए। यही कारण है कि बिश्नोई परिवार को अब नलवा जाकर धन्यवाद रैली करनी पड़ रही है।

रेणुका बिश्नोई ने संभाली रैली के लिए कमान नलवा रैली बिश्नोई परिवार के लिए साख का सवाल बन गई है। इसकी गंभीरता इसी से दिखती है कि आदमपुर चुनाव में भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार करने वाली रेणुका बिश्नोई ने रैली के प्रचार के लिए खुद कमान संभाल ली है। वह विधायक रणधीर पनिहार के साथ गांव-गांव जनसभा कर रैली के लिए निमंत्रण कर रही हैं।

रेणुका ने रैली में कह रही हैं कि कुलदीप बिश्नोई हिसार में महीने में एक बार जरूर बैठेंगे और इसके लिए दिन निर्धारित करेंगे। यह बात रेणुका को इसलिए बोलनी पड़ी क्योंकि धरातल में जाने के बाद लोगों ने कहा कि उनको कुलदीप बिश्नोई के आगमन की सूचना नहीं मिल पाती और वह मिलने नहीं जा पाते।

विधानसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर, बिप्लप देब, धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी।

विधानसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर, बिप्लप देब, धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी।

इस कारण बिगड़े भजनलाल परिवार के समीकरण

1. क्षेत्र से दूरी: चुनाव जीतने के बाद लगातार क्षेत्र से दूरी बनाए रखने के कारण लोग कुलदीप बिश्नोई से नाराज थे। हालांकि, 2022 में उपचुनाव जीतने के बाद भव्य बिश्नोई सक्रिय रहे, लेकिन कुलदीप बिश्नोई अधिकांश समय क्षेत्र से गायब रहे। जबकि, भव्य को कुलदीप के चेहरे पर वोट मिले।

2. लोकसभा चुनाव में हार: लगातार 2 बार लोकसभा चुनाव हारने से भजनलाल का आदमपुर का किला हिल गया। हालांकि बिश्नोई परिवार 57 साल से विधानसभा चुनाव जीतता आ रहा है, लेकिन लगातार 2 चुनावों में हार के कारण यहां विपक्षी दलों के हौसले बुलंद थे। 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में बिश्नोई परिवार यहां पिछड़ गया।

3. जातिगत फैक्टर: इस बार कांग्रेस ने ओबीसी चेहरा उतारा था। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र प्रकाश जांगड़ा हैं। उन्हें अपनी जाति के अलावा जाट मतदाताओं का समर्थन मिला। कांग्रेस जाट, बिश्नोई और ओबीसी वोट बैंक की नाराजगी को भुनाने में सफल रही।

[ad_2]
धन्यवाद रैली के लिए आदमपुर छोड़ेगा बिश्नोई परिवार: BJP सिर्फ जीती हुई सीटों पर रैली कर रही, 57 साल बाद भजनलाल के गढ़ में हारे थे – Hisar News

मेलबर्न कॉन्सर्ट पर हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा की सफाई:  बोले- शरारती तत्वों ने शो खराब किया, इसके पीछे गहरी राजनीति; गंदे इशारे कर विवादों में घिरे – Panchkula News Today World News

मेलबर्न कॉन्सर्ट पर हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा की सफाई: बोले- शरारती तत्वों ने शो खराब किया, इसके पीछे गहरी राजनीति; गंदे इशारे कर विवादों में घिरे – Panchkula News Today World News

हरियाणा दिवस पर मिल सकता है नया जिला:  गोहाना-हांसी व डबवाली का दावा, 10 का प्रस्ताव आया; जनगणना के बाद परिसीमन – Haryana News Chandigarh News Updates

हरियाणा दिवस पर मिल सकता है नया जिला: गोहाना-हांसी व डबवाली का दावा, 10 का प्रस्ताव आया; जनगणना के बाद परिसीमन – Haryana News Chandigarh News Updates