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डीबी कॉर्प लिमिटेड के चीफ कॉर्पोरेट सेल्स एंड मार्केटिंग ऑफिसर सत्यजीत सेनगुप्ता और डाबर इंडिया के मीडिया हेड राजीव दुबे।
भारत की सबसे बड़ी प्रिंट मीडिया कंपनी दैनिक भास्कर ग्रुप ने अपनी नई सीरीज ‘मार्केट ज्ञान’ लॉन्च की है। इसका मकसद इंडस्ट्री लीडर्स के साथ सार्थक संवाद को बढ़ावा देना और मीडिया और मार्केटिंग सेक्टर्स में स्टेकहोल्डर्स के बीच एंगेजमेंट बढ़ाना है।
गुड़गांव में आयोजित इनॉगरल सेशन को डीबी कॉर्प लिमिटेड के चीफ कॉर्पोरेट सेल्स एंड मार्केटिंग ऑफिसर सत्यजीत सेनगुप्ता ने होस्ट किया। सेनगुप्ता ने बताया कि इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य- बदलती मीडिया की दुनिया में मीडिया स्ट्रैटजीज, कंज्यूमर ट्रेंड्स और मार्केटिंग इनोवशन्स पर अनौपचारिक लेकिन व्यावहारिक चर्चा की सुविधा देना है।
पहले सेशन में डाबर इंडिया के मीडिया हेड राजीव दुबे ने मीडिया डिसरप्शन्स को दूर करने और बदलते कंज्यूमर बिहेवियर को अपनाने पर अपने अनुभव शेयर किए। कवर किए गए टॉपिक्स में न्यूजपेपर्स का रेसिलिएंस, पुराने और नए ब्रांडों के बीच संतुलन और जेन-Z और जेन अल्फा कंज्यूमर्स के साथ एंगेज करने की स्ट्रैटजीज शामिल थीं।
मीडिया डिसरप्शन: मजबूत होकर उभरना
मीडिया कंजम्पशन में काफी बदलाव आया है। ये टीवी और सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग से तेजी से डिजिटल में बदल रहा है। 140 साल की लीगेसी के साथ डाबर जैसे ब्रांडों ने अपने ट्रेडिशनल प्रोडक्ट और नए प्रोडक्ट दोनों के लिए एडेप्टेशन, एडॉप्शन और इनोवेशन की स्ट्रैटीज को अपनाया है। इसका उसे फायदा मिला है।
ट्रेडिशनल मीडिया के कमजोर होने के बावजूद न्यूज पेपर्स मजबूती से टिके हुए हैं। खासतौर पर रीजनल मार्केट्स में मुश्किल समय के महज एक से दो साल के भीतर न्यूज पेपर्स फिर मजबूत होकर उभरे हैं।
लीगेसी और नए ब्रांड्स को बैलेंस करना
डाबर ने कई प्रमुख कैटेगरी में सक्सेसफुली मार्केट लीडरशिप बनाए रखी है। रियल फ्रूट जूस और रेड पेस्ट इसके उदाहरण है। डाबर को सफलता मिली क्योंकि उसने नए कंज्यूमर्स की पसंद को ध्यान में रखते हुए लगातार क्वालिटी प्रोडक्ट डिलीवर किए। इस संतुलन को हासिल करने वाले ब्रांड की मांग भविष्य में भी बनी रहेगी।
मीडिया के सभी फॉर्मेट्स के जरिए कंज्यूमर्स तक पहुंचना
ब्रांड कम्युनिकेशन साइकिल के स्टेज में मीडिया के अलग-अलग फॉर्मेट अलग-अलग पर्पस को पूरा करते हैं:
- डिजिटल: तत्काल जानकारी और अपडेट के लिए बेहतर है। जेन-Z हर रोज औसतन 8 घंटे ऑनलाइन बिताती है, यह रियल टाइम एंगेजमेंट के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को और महत्वपूर्ण बना देता है।
- टेलीविजन: स्पेशल इवेंट और एक्सक्लूसिव कंटेट के लिए टेलीविजन आज भी पसंद किया जाता है। लोगों तक इसकी पहुंच भी ज्यादा है, इसलिए टीवी के पास एडवर्टाइजिंग स्पेंट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- प्रिंट: गहरी पैठ के साथ हाइपर-लोकल और प्रीमियम पहुंच के लिए इफेक्टिव है। न्यूजपेपर्स विशेष रूप से रीजनल मार्केट में क्रेडिबिलिटी और फोकस्ड रीच ऑफर करते हैं।
मैक्सिमम इम्पैक्ट के लिए ब्रांड्स ऐसी स्ट्रैटजी बना सकते हैं, जो कम्युनिकेशन के हर माध्यम का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकें। उदाहरण के लिए, डाबर हाल ही में अपने एक्सपेरिमेंटल मार्केटिंग कैंपेन के जरिए 4.7 करोड़ ऑडियंस तक पहुंची। कंपनी ने इम्पैक्ट और कनेक्शन बिल्ड करने के लिए इमर्सिव, इंटरैक्टिव और कंज्यूमर-सेंट्रिक एक्सपीरियंस का इस्तेमाल किया।
इनोवेटिव मार्केटिंग स्ट्रेटेजी जैसे इन्फ्लुएंसर्स के साथ पार्टनरशिप और मॉडर्न ट्रेड प्रमोशन, यह एन्श्योर करता है कि पुराने और नए दोनों ब्रांड ग्राहकों के दिमाग में सबसे ऊपर बने रहें।
हाइपर-लोकल प्रीमियम पहुंच के लिए न्यूजपेपर
जमीनी स्तर तक की ऑडियंस तक पहुंच बनाने और प्रीमियम प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए न्यूजपेपर्स तेजी से प्रभावी माध्यम बन रहे हैं। नीश एंगेजमेंट, क्वालिटी लीड जनरेशन, ब्रांड अवेयरनेस और प्रोडक्ट सेल्स के लिए प्रिंट सबसे प्रभावी माध्यमों में से एक बना रहेगा।
जेन-Z और जेन अल्फा से कनेक्शन
जेन-Z और जेन अल्फा तक पहुंचने के लिए एक एजाइल (चुस्त) और एडेप्टेबल अप्रोच की जरूरत होती है। OTT प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया मार्केटिंग (SMM) इस डेमोग्राफी के लिए महत्वपूर्ण चैनल हैं। इसमें 85% जेन-Z नए प्रोडक्ट्स के बारे में जानने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। जेन-Z/अल्फा पैनल का फॉर्मेशन बाइंग प्रेफरेंस पर फर्स्ट-हैंड पर्सपेक्टिव प्रदान कर सकता है। उदाहरण के लिए, डाबर अपने शहद को स्क्वीज होने वाली बोतलों में पैक करता है। यह बदलाव कंज्यूमर प्रेफरेंस को जानने और उस पर काम करने को दर्शाता है।
यह धारणा है कि इस पीढ़ी में अटेंशन डेफिसिट यानी ध्यान की कमी है। हालांकि ,इसके बावजूद यह पीढ़ी गेम ऑफ थ्रोन्स और मिर्जापुर जैसी लंबे समय तक चलने वाली, मल्टी-सीजन सीरीज काफी ध्यान से देखती है। इससे साबित होता है कि इंटरेस्टिंग कंटेंट उनकी रुचि बनाए रखता है। ब्रांड्स को इस पर रिसर्च करने की जरूरत है कि कौन-सा क्रिएटिव मैसेज उनके साथ ज्यादा कनेक्ट हो पा रहा है। नए कंटेंट फॉर्मेट और प्लेटफॉर्म्स के साथ एक्सपेरिमेंट, जिसमें इंटरैक्टिव स्टोरीटेलिंग, गेमीफाइड कंटेंट, ऑगमेंटेड रियलिटी एक्सपीरियंस, शॉर्ट वीडियो और अन्य नई अप्रोच शामिल हैं।
मीडिया का स्ट्रैटेजिक इस्तेमाल
न्यूजपेपर्स जैसे ट्रेडिशनल मीडिया को एडटेक के साथ इंटिग्रेट करके अगल-अलग टचपॉइंट्स पर ब्रांड मैसेज को मजबूत किया जा सकता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन एंगेजमेंट के बेनिफिट लेने के लिए एक बेहतर स्ट्रैटेजी में इंपैक्टफुल प्रिंट सॉल्यूशन के साथ डिजिटल कैंपेन शामिल होती है।
डिजिटल ट्रेंड्स और युवा पीढ़ी की पसंद को समझकर ब्रांड यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी मार्केटिंग स्ट्रैटजी मॉडर्न और इफेक्टिव दोनों हों। इससे वह एक बड़े ऑडियंस बेस का अटेंशन और लॉयल्टी पा सकते हैं।
सत्यजीत सेनगुप्ता ने कहा, ‘मार्केट ज्ञान’ सीरीज को इंडस्ट्री के लीडर्स के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें वे अपना अनुभव और स्ट्रैटजी शेयर कर सकते हैं। ये बातचित भविष्य के मार्केटिंग इनोवेशन और स्टेहोल्डर इंगेजमेंट को बढ़ाएगी।’
दैनिक भास्कर ऐसी पहलों के माध्यम से थॉट लीडरशिप को बढ़ावा देने और इंडस्ट्री कोलेबोरेशन्स को बढ़ावा देने के लिए कमिटेड है। ‘मार्केट ज्ञान’ सीरीज मीडिया और मार्केटिंग में इमरजिंग ट्रेंड और बेस्ट प्रैक्टिसेस पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होने का वादा करती है।
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दैनिक भास्कर ग्रुप ने लॉन्च की ‘मार्केट ज्ञान’ सीरीज:इसका मकसद इंडस्ट्री लीडर्स के साथ सार्थक संवाद को बढ़ावा देना