देश में संस्कार आधारित शिक्षा पद्धति लागू करने की जरूरत : कल्कि पीठाधीश्वर


Need to implement culture based education system in the country: Kalki Peethadhishwar

Need to implement culture based education system in the country: Kalki Peethadhishwar

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देव शर्मा
करनाल। श्री कल्कि पीठाधीश्वर एवं प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि श्रद्धा जैसे वीभत्स हत्याकांड मानसिक विकृति का परिणाम है। बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार देना भी बेहद आवश्यक है। देश की मौजूदा शिक्षा पद्धति को बदलते हुए संस्कार आधारित शिक्षा प्रणाली को लागू करने की जरूरत है। भारत में कट्टरता के लिए कोई स्थान नहीं है, जाति और धर्म पर बनी पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने का वक्त आ गया है।
एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए कल्कि पीठाधीश्वर ने विशेष बातचीत के दौरान श्रद्धा हत्याकांड पर कहा कि बेटियों को भी समझना चाहिए कि वह माता पिता के बताए रास्ते पर चलकर धर्म की मर्यादा को बरकरार रखते हुए कोई कदम आगे बढ़ाएं, तभी देश में श्रद्धाएं बच पाएंगी। बच्चों में अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देने के लिए देश की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। देश में संस्कार आधारित शिक्षा पद्धति को लागू किया जाना चाहिए। जिसमें बच्चों को अच्छी जानकारी मिले, साथ ही उनका संपूर्ण बौद्धिक विकास हो सके। हिंदू राष्ट्र के सवाल पर आचार्य ने कहा कि हिंदुस्तान में पैदा होने वाला हर व्यक्ति हिंदुस्तानी है। समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) लागू करना है तो पहले सरकार को संसद में बिल लाना चाहिए लेकिन इस पर सियासत ठीक नहीं है। ये सच है कि देश में कई स्थानों पर सांप्रदायिक ताकतों के सिर उठाने के मामले देखे जा रहे हैं लेकिन भारत में विचारधारा में मतभेद हो सकते हैें लेकिन कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं है। कट्टरता की बात किसी भी पार्टी का नेता करता है, तो उसका समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। राहुल गांधी द्वारा श्रीराम पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि राम सबके हैं और सब राम के हैं। राम बहस से परे हैं, उन पर कोई बहस नहीं की जा सकती।

देव शर्मा

करनाल। श्री कल्कि पीठाधीश्वर एवं प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि श्रद्धा जैसे वीभत्स हत्याकांड मानसिक विकृति का परिणाम है। बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार देना भी बेहद आवश्यक है। देश की मौजूदा शिक्षा पद्धति को बदलते हुए संस्कार आधारित शिक्षा प्रणाली को लागू करने की जरूरत है। भारत में कट्टरता के लिए कोई स्थान नहीं है, जाति और धर्म पर बनी पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने का वक्त आ गया है।

एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए कल्कि पीठाधीश्वर ने विशेष बातचीत के दौरान श्रद्धा हत्याकांड पर कहा कि बेटियों को भी समझना चाहिए कि वह माता पिता के बताए रास्ते पर चलकर धर्म की मर्यादा को बरकरार रखते हुए कोई कदम आगे बढ़ाएं, तभी देश में श्रद्धाएं बच पाएंगी। बच्चों में अच्छी शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देने के लिए देश की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। देश में संस्कार आधारित शिक्षा पद्धति को लागू किया जाना चाहिए। जिसमें बच्चों को अच्छी जानकारी मिले, साथ ही उनका संपूर्ण बौद्धिक विकास हो सके। हिंदू राष्ट्र के सवाल पर आचार्य ने कहा कि हिंदुस्तान में पैदा होने वाला हर व्यक्ति हिंदुस्तानी है। समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) लागू करना है तो पहले सरकार को संसद में बिल लाना चाहिए लेकिन इस पर सियासत ठीक नहीं है। ये सच है कि देश में कई स्थानों पर सांप्रदायिक ताकतों के सिर उठाने के मामले देखे जा रहे हैं लेकिन भारत में विचारधारा में मतभेद हो सकते हैें लेकिन कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं है। कट्टरता की बात किसी भी पार्टी का नेता करता है, तो उसका समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। राहुल गांधी द्वारा श्रीराम पर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि राम सबके हैं और सब राम के हैं। राम बहस से परे हैं, उन पर कोई बहस नहीं की जा सकती।

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