in

देश में औरतों से ज्यादा सुसाइड करते हैं आदमी, लेकिन क्यों? डॉक्टर्स ने बताई बड़ी वजह Health Updates

देश में औरतों से ज्यादा सुसाइड करते हैं आदमी, लेकिन क्यों? डॉक्टर्स ने बताई बड़ी वजह Health Updates

[ad_1]

Men Suicide News: भारत में साल 2022 में कुल जितने लोगों ने आत्महत्या की, उनमें से 72 फीसदी लोग पुरुष थे. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के इस डेटा ने एक्सपर्ट को पुरुषों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर चिंता में डाल दिया है और उनका कहना है कि इस पहलू को ज्यादातर नजरअंदाज कर दिया जाता है.

स्वास्थ्य संबंधी बातचीत को बनाना चाहिए सामान्य

‘मनस्थली’ की संस्थापक-निदेशक और वरिष्ठ मनोचिकित्सक ज्योति कपूर ने बताया कि पुरुषों को अक्सर अपनी कमजोरियों को दबाने के लिए तैयार किया जाता है, जिसके कारण वे चुपचाप इसका शिकार होते चले जाते हैं और कई मामलों में परिणाम आत्महत्या ही होता है. डॉ. कपूर के मुताबिक, “पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य को समझना और सहयोग करना पहले कभी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा. हमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बातचीत को सामान्य बनाना चाहिए, सुलभ चिकित्सा संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए और ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना चाहिए जो घर और कार्यस्थल, दोनों जगह बिना किसी निर्णय के भावनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करे.”

पुरुषों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं जिनमें झूठे आरोप,भावनात्मक दुर्व्यवहार से लेकर घरेलू हिंसा और कानूनी उत्पीड़न तक शामिल हैं, न केवल महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक आघात का कारण बनते हैं बल्कि पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य की व्यवस्थित उपेक्षा को भी दर्शाते हैं.

पुरुषों के दर्द को अनदेखा करता है समाज

हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में किए गए एक रिसर्च से यह भी पता चला कि 52.4 फीसदी विवाहित पुरुषों ने बिना किसी कानूनी सहारे या मनोवैज्ञानिक सहायता के लिंग आधारित हिंसा का अनुभव किया. रिसर्च के मुताबिक, समाज पुरुषों के दर्द को अनदेखा करना जारी रखे हुए है और समय की मांग है कि इसमें तत्काल सुधार किए जाएं. ‘सीमलेस माइंड्स क्लिनिक’ और पारस हेल्थ की वरिष्ठ सलाहकार क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि कानूनी सुरक्षा उपायों की कमी के कारण यह समस्या और भी जटिल हो गई है.

डॉ. प्रीति सिंह ने बताया कि 2013-14 के एक रिसर्च में पाया गया कि उस अवधि के दौरान दर्ज किए गए दुष्कर्म के 53.2 फीसदी आरोप झूठे थे, जिससे मनोवैज्ञानिकों और कानूनी एक्सपर्ट में झूठे आरोप का शिकार होने वालों पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को लेकर चिंता पैदा हो गई. डॉ. सिंह ने बताया कि इसके परिणामस्वरूप अक्सर नैदानिक ​​अवसाद, चिंता, तनाव संबंधी विकार और दीर्घकालिक भावनात्मक आघात का सामना करना पड़ता है.

यह भी पढ़ें –

गर्मी में डायबिटीज मरीज खा लें ये 5 सब्जियां, बिना दवाओं के कंट्रोल हो जाएगा हाई ब्लड शुगर

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

[ad_2]
देश में औरतों से ज्यादा सुसाइड करते हैं आदमी, लेकिन क्यों? डॉक्टर्स ने बताई बड़ी वजह

UP Schools Summer Vacation 2025: यूपी में इस दिन से बंद हो जाएंगे सभी स्कूल, 1 महीने तक मौज में रहेंगे बच्चे Haryana News & Updates

UP Schools Summer Vacation 2025: यूपी में इस दिन से बंद हो जाएंगे सभी स्कूल, 1 महीने तक मौज में रहेंगे बच्चे Haryana News & Updates

पाकिस्तान एम्बेसी में केक ले जाने वाले शख्स से मिली ज्योति मल्होत्रा, सामने आई तस्वीर Politics & News

पाकिस्तान एम्बेसी में केक ले जाने वाले शख्स से मिली ज्योति मल्होत्रा, सामने आई तस्वीर Politics & News