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Cricket on this Day Anil Kumble 10 Wickets: साल था 1999, भारत बनाम पाकिस्तान (IND vs PAK) टेस्ट मैच खेला जा रहा था. पाक टीम भारतीय दौरे पर थी, टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच दिल्ली में खेला गया जिसमें अनिल कुंबले ने भी नहीं सोचा होगा कि वो ऐतिहासिक कारनामा करने वाले हैं. पहला मैच पाकिस्तान रोमांचक अंदाज में 12 रन से जीत चुकी थी, लेकिन दूसरे टेस्ट में कुंबले ने पाकिस्तानी बल्लेबाजी लाइन-अप की बखिया उधेड़ कर रख दी थी. चौथी पारी में पाकिस्तान को जीत के लिए 420 रन बनाने थे, लेकिन कुंबले ना जाने क्या खाकर मैदान में उतरे थे.
चौथी पारी में 420 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान टीम ने शानदार शुरुआत की थी. सईद अनवर फिफ्टी लगा चुके थे और उन्हें युवा शाहिद अफरीदी का बखूबी साथ मिल रहा था. तत्कालीन भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन अपने चारों गेंदबाजों का इस्तेमाल कर चुके थे. वेंकटेश प्रसाद, हरभजन सिंह, जवागल श्रीनाथ और यहां तक कि अनिल कुंबले भी विकेट लेने में नाकाम रहे थे. आखिरकार पाकिस्तानी पारी के 25वें ओवर में शाहिद अफरीदी का विकेट गिरा, यहां तक पाकिस्तान 101 रन बना चुका था.
अनिल कुंबले ने झटके सभी 10 विकेट
अनिल कुंबले ने 101 रन के स्कोर पर पाकिस्तान को पहला झटका दिया. शाहिद अफरीदी 41 रन बनाकर आउट हुए. उसके बाद तो जैसे विकेटों की झड़ी लगती गई. एक समय पाकिस्तान ने बिना विकेट गंवाए 101 रन बना लिए थे, लेकिन अगले 26 रन के भीतर पाक टीम के पांच बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे. इस तरह पाकिस्तान ने 127 के स्कोर तक पांच विकेट गंवा दिए थे. कप्तान वसीम अकरम ने जरूर 37 रन की पारी खेल पाकिस्तान की हार को टालने का प्रयास किया, लेकिन कुंबले एक के बाद एक विकेट चटकाते जा रहे थे. कुंबले ने 207 के स्कोर तक पाक टीम के सभी 10 विकेट चटका डाले, जिससे उसे 212 रनों की विशालकाय हार झेलनी पड़ी.
दुल्हन का भाई गायब
अनिल कुंबले ने जिस दिन 10 विकेट लिए, उसी दिन को याद करते हुए बताया कि कुछ वर्ष पहले उन्हें अहमदाबाद में एक व्यक्ति मिला था, जिसकी उसी दिन शादी हुई थी. हिंदुस्तान टाइम्स अनुसार कुंबले ने बताया, “कुछ साल पहले अहमदाबाद में मेरी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई. मैंने जिस दिन 10 विकेट लिए, उसी दिन शाम को उसका विवाह समारोह होना था. रस्मों के लिए दुल्हन के भाई का वहां मौजूद होना जरूरी था, लेकिन बहुत ढूंढने के बाद भी उसका कुछ अता-पता नहीं चला. यहां तक कि जो लोग विवाह समारोह में आए थे, उनका ध्यान भी शादी पर कम और टेलीविजन पर अधिक था.”
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