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Sarmat एक सुपर-हेवी सिलो-आधारित ICBM है जिसे भारी MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicles) पेलोड और हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स लेकर उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी संरचना और काउंटरमेज़र ऐसी हैं कि पारंपरिक मिसाइल-रक्षा प्रणालियों के लिए इसे रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है. यही कारण है कि इसकी मौजूदगी रणनीतिक तौर पर बहुत अहम मानी जाती है.

चीन का DF-41 भी लंबी रेंज वाले ICBM की श्रेणी में शीर्ष पर आता है. इसका अनुमानित रेंज 12,000 से 15,000 किलोमीटर के बीच दिया जाता है और यह रोड-मोबाइल लॉन्चिंग क्षमता रखता है जिससे इसे डिफेंस सिस्टम के लिए ट्रैक करना और निवारण मुश्किल हो जाता है. DF-41 भी कई MIRV वारहेड ले जाने में सक्षम बताया जाता है, इसलिए इसे भी वैश्विक रणनीतिक बैलेंस में अहम माना जाता है.

इन मिसाइलों की सबसे भयावह विशेषता उनकी स्पीड और कम प्रतिक्रिया समय है. एक ICBM की उड़ान में बूस्ट, मिडकोर्स और टर्मिनल जैसे चरण आते हैं और कुल उड़ान समय दूरी के हिसाब से कुछ मिनटों से लेकर आधे घंटे तक हो सकता है. अक्सर महत्वपूर्ण लक्ष्यों तक पहुँचने में केवल कुछ मिनट ही लगते हैं. इस कम समय के चलते चेतावनी, पता लगाना और काउंटर-एक्शन के लिए बेहद सीमित वक्त बचता है जो रणनीतिक तनाव को और बढ़ा देता है.

अगर सिर्फ रेंज की बात करें तो सार्वजनिक और रणनीतिक विश्लेषणों के मुताबिक रूस का RS-28 Sarmat आज सबसे लंबी रेंज और भारी पेलोड क्षमता वाली मिसाइलों में सबसे आगे माना जाता है जबकि चीन का DF-41 भी बेहद सक्षम और खतरनाक विकल्प के रूप में मौजूद है. इन सिस्टमों की तकनीक और तैनाती दुनिया भर की सुरक्षा नीति और संतुलन पर गहरा प्रभाव डालती है, इसलिए इनके बारे में जानकारी और पारदर्शिता अंतरराष्ट्रीय शांति की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.
Published at : 27 Sep 2025 07:45 AM (IST)
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